अब संघ के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी, केंद्र ने हटाया 15 साल पुराना प्रतिबंध
संघ ने किया सरकार के फैसले का स्वागत, कहा- इससे लोकतंत्र होगा मजबूत
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। केंद्र सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों द्वारा जारी उन आदेशों में संशोधन किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की और उसकी अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने फैसले का स्वागत किया है। संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुननिर्माण एवं समाज की सेवा में सलग्न है।
आरएसएस प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा, सरकार का ताजा फैसला उचित है। यह भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करेगा। आंबेकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 99 वर्षों से लगातार राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में सक्रिय है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता और प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर चलने में संघ के योगदान के कारण लेक के विभिन्न स्तर के नेतृत्व गरे समय- समय पर संघ की भूमिका को सराहा है
1966 में क्या आदेश दिया था ?
दरअसल, 7 नवंबर 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। यह आदेश दिल्ली में हुए गौ-रक्षा आंदोलन के दौरान हिंसा के बाद आया था, जिसमें कई संत और गौ-भक्त मारे गए थे।
विपक्ष ने सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था। आरएसएस ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। 4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी जी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है