Railway News: मोदी कैबिनेट से इरादतगंज - मानिकपुर तीसरी लाइन सहित 3 परियोजनाएं मंजूर, विंध्य को मिलेगा फायदा

रीवा जिले के जलप्रपातों में बढ़ेंगे पर्यटक, व्हाइट टाइगर सफारी, गोविन्दगढ़ किला-तालाब के दीदार करने बढ़ेगा यूपी का ट्रैफिक

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प्रयागराज। भारतीय रेलवे की तीन मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम  मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के इस निर्णय के पीछे कनेक्टिविटी को बेहतर करने, यात्रा को आसान बनाना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना, तेल आयात को कम करना और सीओटू उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य हैं। परियोजनाओं से खंडों की मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि और परिवहन नेटवर्क को बढ़ाकर लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा, जिसके परिणामस्वरूप सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला और त्वरित आर्थिक विकास होगा।

बताया गया है कि तीनों परियोजनाओं की लागत 7,927 करोड़ रुपए (लगभग) है और इन्हें चार वर्षों में पूरा किया जाएगा। निर्माण अवधि के दौरान परियोजनाओं से लगभग एक लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज 7,927 करोड़ रुपए (लगभग) की कुल लागत वाली रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।


ये हैं परियोजनाएँ -
जलगांव - मनमाड चौथी लाइन (160 किमी),

भुसावल - खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी),

प्रयागराज (इरादतगंज) - मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)।


प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से परिचालन आसान होगा और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्त खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा। ये परियोजनाएं  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को 'आत्मनिर्भर' बनाएगा, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। तीन राज्यों यानी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं दो आकांक्षी जिलों (खंडवा और चित्रकूट) तक कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी, जो लगभग 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी को सेवा प्रदान करेंगी।


प्रस्तावित परियोजनाओं से मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन को सक्षम करके कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे नासिक (र्त्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा। 


इसके अतिरिक्त, परियोजनाएँ खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अजंता और एलोरा गुफाएँ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, असीरगढ़ किला, रीवा-गोविन्दगढ़ किला, व्हाइट टाइगर सफारी, क्योंटी, पुर्वा, बहुती, चचाई जलप्रपातों के साथ ही गोविन्दगढ़ तालाब और खन्धो जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुँच के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देंगी।


ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट, कंटेनर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 51 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने में मदद मिलेगी, सीओटू उत्सर्जन (271 करोड़ किलोग्राम) कम होगा जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।