Supreme Court Regional Benches: अब देश के कई जगहों में स्थापित होंगी सुप्रीम कोर्ट की रीजनल बेंच, केंद्र ने स्वीकार की सिफारिश

क्षेत्रीय पीठों को लेकर देश में लंबे समय से की जा रही थी मांग, कम होगा काम का बोझ 

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय पीठें स्थापित करने की संसदीय समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। न्यायिक प्रक्रियों और उनके सुधार पर कानून और कार्मिक संबंधी स्थायी समिति ने 7 अगस्त, 2023 को रिपोर्ट राज्यसभा और लोकसभा में पटल पर रखी थी। समिति के सदस्यों ने बुधवार को बताया कि कानून मंत्रालय ने उसकी सिफारिशें स्वीकार कर ली है।

लोगों की न्याय तक आसान होगी पहुंच
 समिति ने सिफारिशों में कहा था कि शीर्ष अदालत की क्षेत्रीय पीठ स्थापित होने से लोगों की न्याय तक पहुंच आसान होगी। यह प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। समिति ने कहा कि देश में क्षेत्रीय पीठों को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। इससे न्यायपालिका पर बढ़ते मामलों का बोझ कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही मुकदमेबाजी की लागत भी कम की जा सकेगी। समिति ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की ओर से वार्षिक रिपोर्ट भी तैयार करने की सिफारिश की। इस रिपोर्ट में संस्थानों की ओर से पिछले साल किए गए कार्यों का उल्लेख होगा।  

सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की सिफारिश नामंजूर
कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कामकाज के आधार पर बढ़ाने की सिफारिश मानने से इनकार कर दिया। सरकार ने कहा कि ऐसा व्यावहारिक नहीं होगा। प्रावधानों के अनुसार इस समय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल, जबकि हाईकोर्ट के जज 62 साल की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर सरकार ने कहा कि कामकाज के मूल्यांकन को सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के मुद्दे से जोड़ना व्यावहारिक नहीं हो सकता। इससे अपेक्षित परिणाम नहीं आ सकते।