स्टूडेंट्स सावधान! कॉलेज में मजाक में भी बनाया गया आपत्तिजनक वीडियो भेज सकता है जेल

आगामी एक जुलाई से लागू होंगे नए कानून

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मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस अंधाधुंध दौर में हर ओर हर कोई वारयल होने की चाहत रखने लगा है। इसके प्रभाव में युवा पीढ़ी ज्यादा है। जिसके चलते अब स्कूल कॉलेज में भी आपत्तिजनक कंटेंट बनाने का ट्रेंड भी बढ़ा है। लेकिन इस समस्या से निपटने के लिए यूजीसी ने कड़ा फैसला लिया है। दरअसल अब कॉलेज परिसर मे किसी भी तरह का आपत्त्तिजनक वीडिया-आडियो बनाना आपके लिए भारी पड़ सकता है,यूजीसी के निर्देश के अनुसार इसके लिए आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। 
  

लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद यूजीसी ने सख्त रूख अपनाया है। जिसके बाद अगर किसी छात्र-छात्रा ने कोई आपत्तिजनक कंटेट कॉलेज में बनाया तो यह वीडियो एविडेंस के रूप में उपयोग में लिया जाएगा। भले ही यह ऑडियो-वीडियो मजा़क के लिए ही बनाए गए हों। और इन आपत्तिजनक वीडियो के लिए जेल जाना पड़ेगा। बता दें कि इससे पहले ये कंटेंट साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आते थे। अब नए कानून में ऐसे वीडियो साक्ष्य की तरह पेश होंगे और सजा मिल सकती है।

 164 साल बाद बदले गए कानून 
केंद्र सरकार भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा, साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू कर रही है। 164 साल बाद कानून बदले गए हैं। साक्ष्य अधिनियम में कोर्ट में साक्ष्य की स्वीकार्यता का प्रावधान है। कानूनों में एफआईआर, केस डायरी, आरोप पत्र को डिजिटल बनाने का प्रावधान है। अब 167 के बजाय 170 धाराएं होंगी। 24 धाराओं में बदलाव किए हैं। सबूतों के मामले में ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक्स तरीके से जुटाए की सबूतों को प्रमुखता दी गई है।
 

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वे विद्यार्थियों को इसकी जानकारी दें। प्रदेशभर के 14.85 लाख विद्यार्थियों को जानकारी देने के लिए यूनिवर्सिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में प्रचार सामग्री के जरिए प्रदर्शनी लगेगी। सेमिनार होंगे। इनमें जस्टिस, वकील, रिटायर्ड जज और संस्थान के फैकल्टी मेंबर जानकारी देंगे।

अखंडता को खतरे में डालने पर उम्रकैद
कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अगर शब्दों या संकेतों या ऑडियो-वीडियो के माध्यम से जान-बूझकर अलगाववाद या सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियां भड़काता है। ऐसी दशा में सात साल या उम्रकैद की सजा हो सकती है।