Portable Hospital: वायुसेना ने हवा में गिराया अस्पताल, एक साथ 200 लोगों का इलाज संभव

प्रोजेक्ट भीष्म के तहत पहली बार किया गया परीक्षण, आपदाओं में त्वरित चिकित्सा प्रदान करने में सक्षम

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air force

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने बुधवार को आगरा में जहाज से पोर्टेबल हॉस्पिटल भीष्म को एयरड्रॉप किया। यह अपनी तरह का पहला ऐसा परीक्षण है, जिसमें एयर फोर्स ने जब हॉस्पिटल क्यूब्स को जहाज से नीचे गिराया। आपातकालीन परिस्थितियों में ये पोर्टेबल हॉस्पिटल बेहद काम आ सकते हैं और इन्हें जहाज से एयरड्रॉप करके कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए प्रोजेक्ट भीष्म को स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। भीष्म प्रोजेक्ट (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) के तहत न केवल भारत में, बल्कि विदेश में भी प्राकृतिक आपदाओं, मानवीय संकटों या शांति और युद्ध के समय में भी तेजी से तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है। ताकि इस दौरान तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।

   


कहीं भी आसानी से ले जा सकेंगे
भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स में तमाम तरह की चिकित्सा सुविधाएं हैं। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन्हें वायु, भूमि और समुद्र में आसानी से ले जाया जा सके। प्रत्येक क्यूब में सर्जिकल सुविधाएं, डायग्नोस्टिक टूल्स और रोगों के देखभाल से संबंधित सुविधाएं शामिल है। पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स का विकास और परीक्षण भारतीय वायु सेना भारतीय स्वास्थ्य संस्थानों और डिफेस टेक्नोलॉजी एक्सपटर्स में मिल कर किया है।


पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स में तमाम चिकित्सा सुविधाएं
इस मोबाइल क्यूब हॉस्पिटल में 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। इन मॉड्यूलर मेडिकल यूनिट्स को दूरस्थ या आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तेजी से तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो चुनौतीपूर्ण माहोल में भी चिकित्सा सहायता देने में मदद करते हैं। इसे आपातकालीन मानवीय संकट के दौरान जरूरतमंद क्षेत्रों में चिकित्सा संसाधनों की तेजी से तैनाती कर सकता है