Northern Railway ने समय-सीमा से पहले पूर्ण किया वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य, और अधिक सुगम होगा रेल परिचालन
दो नए प्लेटफॉर्म और आठ प्लेटफोर्मों की लंबाई में वृद्धि होने से मिलेगी परिचालन में गति

गुड मॉर्निंग, प्रयागराज। शुभन चौधुरी, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे ने बताया कि रेल यात्रियों को बेहतर तथा सुरक्षित रेल सेवाएं प्रदान करना रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता रहा ह। इसी क्रम में बहुप्रतीक्षित वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य आज दिनांक 15/10/2023 को संपन्न कर लिया गया।
45 दिनों में हुआ पूर्ण
उल्लेखनीय है कि इस कार्य को पूर्ण करने हेतु 70 दिन का लक्ष्य निर्धारित था परन्तु रेलवे की योजनाबद्ध रणनीति एवं कठिन परिश्रम से यह कार्य दिनांक 01/09/2023 मध्य रात्रि से दिनांक 15/10/2023 तक मात्र 45 दिनों के भीतर करने का प्रण किया गया और अथक प्रयासों से यह कार्य आज दोपहर दिनांक 15/10/2023 को निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही संपन्न हो गया।
किए गए यह कार्य
इस कार्य के अन्तर्गत एक विशाल 663 रूट इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना जिसमें 283 सिग्नल, 214 प्वाइंट के साथ 6 दिशाओं में ब्लॉक वर्किंग शामिल है, जिसमें 158 नए टर्नआउट वाले यार्ड में संशोधन और लगभग 38 किमी के रूट इंटरलॉकिंग के साथ ट्रैक लिंकिंग को उत्तर रेलवे के विभिन्न विभागों के अथक परिश्रम,योजना और समन्वय के बाद प्रारंभ किया गया है।इसमें 38 कि0मी0 से अधिक का नया ट्रैक बिछाना शामिल था। वाराणसी जं के यार्ड री-मॉडलिंग के पूर्ण होने से यात्री एवं मालगाड़ियों का आवागमन सुगम होगा।
इस कार्य के अंतर्गत वाराणसी जं पर होने वाले संरचनात्मक कार्यों एवं यात्री सुविधाओं का विवरण-
- वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि।
- प्लेटफार्म संख्या 1 से 4 तक की लाइनों का पूर्वोतर रेलवे के बनारस स्टेशन, प्लेटफार्म संख्या 1 से 5 तक की लाइनों का लोहता स्टेशन एवं प्लेटफार्म संख्या 6 से 9 तक की लाइनों का शिवपुर स्टेशन से सीधा जुड़ाव होगा जिससे आवागमन सुगम होगा।
- वाराणसी सिटी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर से सभी प्लेटफार्मों (1 से 9) की कनेक्टिविटी
- वाराणसी जंक्शन और वाराणसी सिटी के बीच में दोहरीकरण का कार्य पूर्ण किया गया 7
- वाराणसी जं पर दो अतिरिक्त पूर्ण लंबाई वाले यात्री प्लेटफार्म (10 और 11) और तीसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान।
- शिवपुर की ओर से गुड्स बाईपास लाइन का निर्माण जिससे यार्ड के माध्यम से क्रॉस-मूवमेंट कम होगा।
- इस कार्य के अंतर्गत यार्ड की सात डायमंड क्रोसिंग को भी समाप्त किया गया जिससें यार्ड में परिचालन को गति मिलेगी।
वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग की प्रमुख विशेषताऐं-
- रूट 663
- नए टर्नआउट- 158
- टर्नआउट को खत्म किया गया- 122
- नया ट्रैक बिछाना- 38 किमी
- पुराने ट्रैक की डिसमेंटलिंग- 17 किमी
- नये सिग्नल- 283
विद्युत टीआरडी कार्य
- वायरिंग पूरी- 40 ट्रैक किलोमीटर
- तीन 11 केवी कॉम्पैक्ट विद्युत सबस्टेशन स्थापित और चालू किए गए।
- आठ प्लेटफोर्मों की लंबाई और चौड़ाई का पुनर्निर्माण।
- दो नए प्लेटफोर्मों का निर्माण ।
- नए फुट ओवर ब्रिज: (अ) 10 मीटर चौड़ा तीसरा फुट ओवर ब्रिज ( ब) लेवल क्रोसिंग संख्या 4 पर 3 मीटर चौड़ा 65 मीटर लंबा फुट ओवर ब्रिज पर रैंप के साथ (स) 6 मीटर चौड़ा तीसरा प्रवेश द्वार निर्माण।
- नई वाशिंग लाइन- 2, नई सिक लाइन पिटपिट- 4