Indian Railway: एयरबस और गति शक्ति विश्वविद्यालय ने समझौता ज्ञापन में किए हस्ताक्षर, 15 हजार नौकरियां सृजित होने के आसार

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी रहे मौजूद

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MoU

गुड मॉर्निंग, प्रयागराज। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर रेलमंत्री के मौजूदगी में एयरबस और गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) वडोदरा ने गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के मुताबिक, एयरबस और गति शक्ति विश्वविद्यालय शैक्षणिक पाठ्यक्रम के विकास के साथ ही क्षेत्र से संबंधित कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए एकसाथ काम करेंगी।

जानकारी के अनुसार इसका उद्देश्य सेक्टर की मांग के अनुरूप कौशल प्रदान करना, नियमित विद्यार्थियों और पेशेवरों के लिए मिलकर पाठ्यक्रम और कार्यक्रम तैयार करना है। इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और प्लेसमेंट और छात्रवृत्ति कार्यक्रम भी है।
  

इस मौके पर एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड ने कहा कि हम भारत को वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने और देश में वाणिज्यिक विमानन उद्योग के विकास को और समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टैलेंट डेवलपमेंट एयरोस्पेस इकोसिस्टम का कोर एलिमेंट है। उन्होंने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ इस साझेदारी के तहत हम भारत में सर्वोत्तम विविध प्रतिभाओं को विकसित करने और इस क्षेत्र के लिए कुशल कार्यबल की एक मजबूत पाइपलाइन बनाने के लिए अपनी वैश्विक विशेषज्ञता लाएंगे।

बता दें कि एयरबस ने गुरुग्राम में पायलट ट्रेनिंग और बेंगलुरु में रखरखाव प्रशिक्षण क्षमताएं विकसित की हैं। जीएसवी के साथ सहयोग से देश के तेजी से बढ़ते एयरोस्पेस सेक्टर के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करने में मदद मिलेगी।  इसा मौके पर गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी ने कहा कि एयरबस के साथ यह साझेदारी एयरोस्पेस और विमानन क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
 
 सनद रहे कि वडोदरा में बनाई जा रही सी-295 फाइनल असेंबली लाइन इस प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है, क्योंकि यह निजी क्षेत्र में पहला  मेक इन इंडिया एयरोस्पेस कार्यक्रम है जिसमें देश में एक संपूर्ण औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास शामिल है।