महंत गोपाल जी महाराज पंचतत्व में विलीन हुए; 'सच्चा बाबा' के नाम से अनुयायियों में थे विख्यात

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में लिया था हिस्सा, AIIMS दिल्ली में इलाज के दौरान 99 वर्ष की आयु में हुआ निधन
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राम मंदिर आंदोलन के अगुआ, सच्चा बाबा आश्रम के महंत गोपाल जी महाराज का लंबी बीमारी के बाद 09 मार्च को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। गुरुवार को दोपहर दो बजे प्रयागराज के अरैल में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

कक्षा आठ में पढ़ने के दौरान जब उनकी उम्र महज 13 साल की थी तो उन्होंने प्रयागराज के महल के पास अंग्रेज वायसराय को काला झंडा दिखाया था। जिसमें उन्हें न केवल जेल भेजा गया था बल्कि स्कूल से भी निष्कासित कर दिया गया था।

जगन्नाथ मंदिर के पुजारी के घर हुआ था जन्म

प्रयागराज के मालवीय नगर, मुट्ठीगंज में वर्ष 1924 में महाशिवरात्रि के दिन जगन्नाथ मंदिर के परिसर में पंडित बालमुकुंद मालवीय के पुत्र के रूप में गोपाल जी का जन्म हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। वह स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल थे।

बचपन से ही आरएसएस से जुड़े थे

वायसराय को म्योहाल में काला झंडा दिखाने के आरोप में उन्हें जेल भी भेजा गया था। उसके बाद उन्हें विद्यालय से निष्कासित भी कर दिया गया था। गोपाल जी बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। जिससे उनका कई संतों और राजनीतिक लोगों से जुड़ाव था।

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सीएम बनने पर गोपाल जी से मिलने आए थे योगी

अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के अगुआ के रूप में चर्चित गोपाल जी महाराज के संबंध विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल, डा. मुरली मनोहर जोशी, प. केसरीनाथ त्रिपाठी जैसे दिग्गज नेताओं से रहा है। पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का जब प्रयागराज आगमन हुआ तो वह सच्चा बाबा आश्रम में महंत गोपाल जी महाराज से मिलने गए थे। अरैल के रहने वाले बीजेपी नेता बृजेश पांडेय का कहना है कि गोपाल जी महाराज का रामचंद्र परमहंस, महंत अवैद्यनाथ, महंत गोपाल दास से बहुत करीबी रिश्ता रहा है।

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अपना जीवन आश्रम के नाम कर दिया

यहां के रहने वाले बीजेपी नेता बृजेश कुमार पांडेय और कुंवर जी तिवारी ने बताया कि प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाना अंतर्गत मालवीय नगर निवासी गोपाल जी मालवीय एजी ऑफिस में कर्मचारी हुआ करते थे। वहां कार्य करने के दौरान ही उनका लगाव सच्चा बाबा आश्रम से हो गया था। मां शांति माता के बेहद करीबी शिष्यों में शामिल गोपाल जी महाराज ने आखिरकर पूर्ण रूप से अपना जीवन आश्रम के नाम कर दिया। वर्तमान में वह सच्चा बाबा आश्रम के महंत थे।