पुरानी पेंशन पर अगर सुप्रीम कोर्ट गई सरकार, तो 20 लाख परिवारों में होगी मायूसी

OPS: कुछ दिन पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए सरकार को आदेश दिया था। लेकिन अगर उच्च न्यायालय के फैसले पर सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी तो 20 लाख परिवारों की होली खट्टी हो कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन का कहना
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पुरानी पेंशन पर अगर सुप्रीम कोर्ट गई सरकार, तो 20 लाख परिवारों में होगी मायूसी

OPS:  कुछ दिन पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए सरकार को आदेश दिया था। लेकिन अगर उच्च न्यायालय के फैसले पर सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी तो 20 लाख परिवारों की होली खट्टी हो कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करती है, तो यह जवानों के बलिदान का अपमान होगा। केंद्र सरकार, जल्द से जल्द, दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला लागू करे। एसोसिएशन द्वारा इन बलों में पुरानी पेंशन लागू कराने और दूसरे लंबित मांगों के लिए 14 फरवरी को जंतर-मंतर पर रैली आयोजित की जाएगी। इस रैली में देशभर से पूर्व सीएपीएफ कर्मियों को आमंत्रित किया गया है।

संसद में पूछे जा रहे सवाल

उच्च न्यायालय ने कहा था, इन बलों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन के दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। विपक्षी दलों के नेता भी इस बाबत आवाज उठा रहे हैं। संसद सत्र के दौरान भी यह मुद्दा उठाया जा रहा है। हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, सरकार को इन बलों में अविलंब ओपीएस लागू करना चाहिए। लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवेसी ने सोमवार को पुरानी पेंशन को लेकर सदन में सवाल पूछा है। क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ओपीएस लागू करने के लिए कहा है। अगर ऐसा है तो सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं या नहीं।

यह पॉलिसी मैटर बोले वित्त राज्य मंत्री : OPS

सांसद असदुद्दीन औवेसी के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ। भागवत कराड ने कहा, इन बलों में एनपीएस लागू है। उसमें पेंशन स्कीम के सभी लाभ बताए गए हैं। पहली जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मियों पर एनपीएस पर लागू होता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को इस बाबत फैसला सुनाया है कि सीएपीएफ में पुरानी पेंशन लागू की जाए। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत पॉलिसी मैटर है। दूसरी ओर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए अब कंपनी, बटालियन, सेक्टर व फ्रंटियर स्तर पर आवाज उठ रही है। सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के कार्मिकों द्वारा विभिन्न सेक्टरों, ग्रुप सेंटर और बटालियन स्तर पर दरबार, सैनिक सम्मेलन एवं वेलफेयर मीटिंग में इस पर चर्चा हो रही है।

युवाओं से जंतर-मंतर पर आने की अपील

जवानों के परिजन, सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मांग को सरकार तक पहुंचा रहे हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह का कहना है कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को जंतर-मंतर पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। उन्होंने स्कूल एवं कालेज के छात्रों से भी आह्वान किया कि वे इस बार वेलेंटाइन डे न मनाकर जंतर-मंतर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। हरियाणा में गठित अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड पैरामिलिट्री परिवारों के साथ छलावा है। उसमें किसी भी पूर्व अर्धसैनिक को शामिल नहीं किया गया है।

100 दिनों की छुट्टी देने का फ़ॉर्मूला फेल

पैरामिलिट्री परिवारों की भलाई एवं पुनर्वास के लिए राज्यों में अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड नहीं हैं। न अर्धसैनिक स्कूल, न ही अर्धसेना झंडा दिवस कोष और न ही जवानों की पेंशन है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जवानों को एक साल में 100 दिनों की छुट्टी देने का वादा किया गया था। बतौर रणबीर सिंह, वह फार्मूला तो फेल हो गया लगता है। पूर्व इंस्पेक्टर ओमप्रकाश ने कहा, दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 11 जनवरी को पैरामिलिट्री फोर्स पैंशन बहाली के हक में सुनाए गए एतिहासिक फैसले पर केंद्र सरकार मौन है। अगर सरकार उस फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गई, तो 20 लाख पैरामिलिट्री परिवार इस बार होली नहीं मनाएंगे। उम्मीद है कि होली के पावन अवसर पर पैरामिलिट्री जवानों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया जाएगा।