Sidhi News: सीधी के चुरहट तहसील में विधिक जागरुकता एवं साक्षरता शिविर हुई आयोजित

ग्रामीणों को अधिकारों के प्रति जागरुक रहने और लोक अदालतों में सहभागिता हेतु किया गया प्रेरित 

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सीधी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयाग लाल दिनकर एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी मुकेश कुमार शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनू जैन तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी सीधी मनीष कौशिक द्वारा 9 दिसम्बर को तहसील न्यायालय चुरहट का निरीक्षण कर विधिक जागरुकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।

 


कार्यक्रम में प्रयाग लाल दिनकर ने शासन की जनहितैषी योजनाओं, अधिकारों, कर्तव्यों तथा ग्रामीण विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों सरल एवं सहज भाषा में उपस्थित लोगों तक पहुंचाई।

 

 

श्री दिनकर ने ग्रामीण समुदाय से अपील करते हुए कहा कि वे शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें, समय-समय पर आयोजित होने वाले शिविरों में सहभागिता करें तथा अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहे। उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्वच्छता, नशा उन्मूलन तथा विधिक जागरुकता जैसे विषयों पर विशेष रुप से जानकारी दी।

 


कार्यक्रम के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी मुकेश कुमार शिवहरे ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक नि:शुल्क विधिक सहायता पहुंचाना है, ताकि कोई भी गरीब, वंचित या असहाय व्यक्ति न्याय से वंचित न रह सकें। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि न्यायालय द्वारा समय-समय पर लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है जिसमें लंबित एवं आपसी समझौते योग्य प्रकरणों का त्वरित एवं सरल निराकरण संभव है।

 


इस अवसर पर आगामी दिनांक 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण पर विस्तृत चर्चा की गई। ग्रामीणजनों को अपील की गई कि वे अपने विवादों को आपसी सहमति से लोक अदालत में प्रस्तुत कर सुलझाएं जिससे उनका समय और धन दोनों की बचत हो सकें।

 


डॉन योजना का उद्देश्य है स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण बनाना
जिला विधिक सहायता अधिकारी मनीष कौशिक ने बताया कि नालसा की डॉन योजना का मूल उद्देश्य समाज को नशे की गिरफ्त से मुक्त कर स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण तैयार करना है। उन्होंने शराब, ड्रग्स, तंबाकू, गांजा, अफीम, नशे वाली गोलियों आदि के दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नशा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करता है, बल्कि परिवार, समाज और युवा पीढ़ी के भविष्य को भी अत्यंत प्रभावित करता है। इसके साथ ही चाइल्ड मैरिज (बाल विवाह) विषय पर जागरुक करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल विवाह न केवल कानूनन दंडनीय है बल्कि यह बच्चों के संपूर्ण विकास, शिक्षा एवं सुरक्षित भविष्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।


 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों, बालिकाओं की सुरक्षा से जुड़े कानूनी अधिकारों, तथा बाल विवाह की सूचना देने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उपस्थित अभिभावकों से आग्रह किया गया कि वे किसी भी परिस्थिति मेें नाबालिग बच्चों के विवाह का समर्थन न करें और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियो या डी.एल.एस.ए. को दे।


उक्त शिविर में  प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयाग लाल दिनकर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी मुकेश कुमार शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनू जैन, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी/अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति चुरहट लालता सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वर्षा भलावी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राहुल त्रिपाठी, जिला विधिक सहायता अधिकारी मनीष कौशिक, तहसील न्यायालय चुरहट के अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।