Singrauli News: 250 एकड़ सरकारी भूमि में कब्जे को लेकर दो पक्ष आमने-सामने, पुलिस व राजस्व की टीम सुलह के लिए पहुंची
अभ्यारण्य क्षेत्र बगदरा के मझिगवां गांव का मामला, भड़काने के लिए सक्रिय रहे दलाल
सिंगरौली। जिले के चितरंगी तहसील क्षेत्र के अभ्यारण्य बगदरा अंतर्गत मझिगवां गांव के शासकीय भूमि में कब्जा को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि राजस्व एवं पुलिस तथा अभ्यारण्य अमला सक्रिय होकर मामले को सुलझाने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि दोनों पक्ष फिलहाल शांत हो गये हैं।
अभ्यारण्य क्षेत्र बगदरा के मझिगवां गांव में करीब ढाई सौ एकड़ से अधिक म.प्र. शासन राजस्व एवं अभ्यारण्य की भूमि है। जहां सूत्र बताते है कि वर्ष 2008-9 में ग्राम बगदरा, नेवारी, कुलकवार, लेदपुरवा सहित आधा दर्जन गांवों के करीब डेढ़ सैकड़ा से अधिक आदिवासी, हरिजन तपके के लोग ग्रामीण लामबंद होकर कब्जा कर खेतीवाड़ी शुरू कर दिये। इसी दौरान अभ्यारण्य एवं राजस्व अमला शासकीय भूमि को कब्जा से मुक्त कराने कार्रवाई शुरू करते हुये कब्जेधारियों को नोटिस जारी करने लगा। वन अमले के नोटिस से कुछ कब्जेधारी डर गए और कार्रवाई के भय से जमीन की जुताई करना छोड़ दिये। लेकिन एक सैकड़ा कब्जेधारी शासकीय भूमि पर अपना दखल देकर खेतीवाड़ी करते आ रहे थे कि पिछले तीन दिन पूर्व करीब एक सैकड़ा पुराने कब्जेधारी व्यक्ति फिर सक्रिय हुये और जमीन पर जबरन कब्जा करने क ी कोशिश करने लगे। इस बीच वर्तमान एवं पूर्व कब्जेधारी आमने-सामने आ गए।
विवाद की स्थिति बनते देख एक पक्ष ने इसकी सूचना बगदरा चौकी पुलिस को दी है। बताया जा रहा है कि बगदरा चौकी प्रभारी खेलन सिंह करिहार व प्रभारी राजस्व निरीक्षक, हरि सिंह बैस हल्का पटवारी के साथ स्थल पहुंच दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर समझाइस देते हुये सरकारी भूमि को कब्जा से मुक्त कराने के लिए हिदायत दी है। हालांकि दो दिनों तक मामला इधर-उधर तक मामला लटका रहा। लेकिन दोनों पक्षों में सक्रिय दलालों ने ग्रामीणों को उसकाने का काम शुरू कर दिया है। मामला फिर से गरमाया तो राजस्व एवं पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर फिलहाल मामले को शांत कराया है। लेकिन दलाल उक्त मामले में हवा देने में लगे हैं। ताकि दोनों पक्ष आपस में विवाद करें। जिससे की उनकी पूछ परख और ज्यादा होने लगे।
ग्रामीणों को उसकाने में लगे दलाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी भूमि में कब्जा किये जाने को लेकर दोनों पक्ष से दो-दो दलाल सक्रिय होकर सरकारी भूमि में कब्जा करने के लिए हवा दे रहे हैं। दोनों पक्ष के दलाल सरकारी भूमि में खड़े होकर एक-दूसरे को रकबा भी बांट दे रहे हैं और इस बीच राजस्व एवं पुलिस अमला को देख दलाल शांत हो जाते हैं। लेकिन उनके जाने के बाद जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए हरिजन आदिवासी ग्रामीणों को उसकाने का काम शुरू कर देते हैं। ग्रामीणों का भी चर्चा है कि सक्रिय दलाल सरकारी भूमि पर कब्जा कराने का ठेका भी ले रखा है। यहां के प्रबुद्ध नागरिकों का मानना है कि यदि दलालों पर सख्ती के साथ कार्रवाई हो जाए तो मामला शांत हो सकता है।