Singrauli News: सिंगरौली में कबाड़ चोरों का आतंक, पॉलिटेक्निक कॉलेज को बनाया निशाना
खिड़कियों के ग्रिल एवं लोहे के दरवाजे को किया पार, कोतवाली क्षेत्र में जगह-जगह अघोषित रूप से खुली कबाड़ की दुकानें

सिंगरौली। कोतवाली थाना क्षेत्र बैढ़न में कबाड़ियों का आतंक जोर पकड़ा हुआ है। पिछले दिनों पॉलिटेक्निक कॉलेज पचौर में कबाड़ चोर धाबा बोलते हुए खिड़कियों के ग्रिल एवं दरवाजे को पार कर दिए। सूचना के बावजूद पुलिस संदेही चोरों पर कार्रवाई के बदले दयादृष्टि दिखाई है। जिससे कबाड़ चोरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वही शहर की पुलिसिंग की कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल भी उठाने लगे हैं।
मालूम हो कि कोतवाली क्षेत्र बैढ़न में रेत, गांजा , शराब, स्मेक हेरोईन मादक पदार्थो का जहां जोर पकड़ा हुआ है। वही कई स्थानों पर अघोषित रूप से किराना दुकानों में भी देशी-विदेशी शराब बेची जा रही है। जिसकी जानकारी आबकारी के साथ-साथ पुलिस को भी भलीभांति हैं। लेकिन अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने से गुरेज कर रही है। इसको लेकर पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों के प्रति तरह-तरह के सवाल करने लगे हैं। अब कोतवाली क्षेत्र में कबाड़ चोरों का भी आतंक बढ़ गया है।
सूत्र बताते हंै कि पिछले दिनों आधा दर्जन के संख्या में कबाड़ियों ने पचौर में स्थित शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को निशाना बनाया और पॉलिटेक्निक कॉलेज के अंदर-बाहर खिड़कियों में लगे ग्रिल व लोहे के दरवाजे को कटर मशीन से काट कर पार कर गए। इसकी जानकारी घटना की दूसरे दिन सुबह उक्त कॉलेज के प्रबंधन को हुई तो खोजबीन में लगे।
मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान पॉलिटेक्निक कॉलेज को सुराग लगा कि आसपास के ही कबाड़ चोरों ने घटना का अंजाम दिया है। साथ ही गुपचुप तरीके से खिड़कियों के काटे गए ग्रिल एवं लोहे के दरवाजों को भी अपने नजरों से देखने के बाद कोतवाली पुलिस को सूचना भी दिए।
जहां कोतवाली पुलिस पचौर पहुंच करीब आधा दर्जन कबाड़ियों के यहां से उक्त ग्रिल एवं लोहे के दरवाजों को जप्त कर थाने ले आई, लेकिन पुलिस ने कबाड़ चोरों पर रहम दिखाते हुए दोपहर बार छोड़ दी और चर्चा यहां तक है कि कोतवाली पुलिस से छूटने के बाद कबाड़ छोड़ अपने ताकत एवं पहुंच का ऐहसास भी कराने लगे। कोतवाली पुलिस उक्त कबाड़ चोरों पर दरियादिली क्यों दिखाई। यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
जगह-जगह खुली कबाड़ की अवैध दुकानें
कोतवाली क्षेत्र बैढ़न में कबाड़ दुकानों की भरमार है। तेलाई मोड़ के ईर्दगिर्द व कोतवाली रोड किराने की दुकान में समेत कई जगह कबाड़ की दुकानें कहीं घोषित तो कहीं अघोषित रूप से संचालित है। इन कबाड़ दुकानों पर किसका संरक्षण है, इस बात की भी चर्चा जोर-शोर से हैं।
बाते यहां तक बाहर निकल रही हैं कि कबाड़ दुकानों के संचालकों पर पुलिस की दरियादिली भी दिखा रही है। जिसके चलते कबाड़ कारोबारियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। मकानों का निर्माण कराने वाले लोग रात के समय रतजगा करने के लिए मजबूर है। उन्हें इस बात का डर रहता है कि कबाड़ियों का झुण्ड पहुंच कहीं लोहे की सरिया उठा ना ले जाए। इसीलिए अधिकांश भवन निर्माण कराने वाले भूमि स्वामी दो-दो चौकीदार रखने के लिए मजबूर है।