Shahdol News: शहडोल कमिश्नर बोलीं- आंगनवाड़ी केन्द्र नियमित खुलें, वहां दवाईयां, नास्ता, टीएचआर तथा गरम भोजन के नियमित वितरण की मॉनीटरिंग

चिन्हित कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को लाएं सामान्य श्रेणी में: सुरभि गुप्ता

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शहडोल। महिला एवं बाल विकास विभाग का प्राथमिक दायित्व गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा बच्चों की देखभाल करना, उन्हें कुपोषण से मुक्ति दिलाना है। इसके लिए आवश्यक है कि आंगनवाड़ी केन्द्र नियमित रूप से खुलें, वहां दर्ज बच्चे उपस्थित रहें, बच्चों को समय पर गरम भोजन एवं नास्ता का वितरण हो। 

आंगनवाड़ी केन्द्रों में दवाईयां उपलब्ध रहें, समय-समय पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें तथा चिन्हित कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने हेतु एनआरसी में भर्ती कराएं।

ये बच्चे पुन: कुपोषित श्रेणी में न जाएं इसके लिए उनके परिवार जनों तथा माताओं से संवाद स्थापित कर आवश्यक सावधानियों, कुपोषण के कारणों तथा उनसे बचाव के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों, मोरिंगा पावडर तथा आवश्यक दवाओं के उपयोंग की जानकारी दी जाए।

यह निर्देश शहडोल संभाग आयुक्त सुरभि गुप्ता नें शहडोल संभाग के तीनों जिलों में चलाए जा रहे कुपोषण मुक्त अभियान की समीक्षा करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिए।

बैठक में संयुक्त आयुक्त विकास मगन सिंह कनेश, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास मंजू सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी शहडोल शैलेष मिश्रा, अनूपपुर मंजूषा शर्मा, उमरिया दिव्या गुप्ता उपस्थित रहे।

आयुक्त सुरभि गुप्ता ने कहा कि इस अभियान को जन अभियान बनाया जाए। समाज के सहयोग से कुपोषित बच्चों को गोद में लेने तथा उन्हें फूडबास्केट वितरण करने के प्रयास किए जाएं। जिलों में ऐसी आंगनवाड़ी केन्द्रों या क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां कुपोषण के प्रकरण अधिक दर्ज हो रहे हैं, इसका कारण का विश्लेषण कर उन्हें दूर करने की कार्यवाही की जाए। 

सुपरवाईजर सहित विभागीय अमला नियमित रूप से आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण करें तथा महिलाओं से संवाद स्थापित कर उन्हें कुपोषण से बचने के उपाय बताएं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुपोषण के कारणों, लक्षण तथा बचाव के तरीकों का प्रशिक्षण या प्रिंटेड सामग्री उपलब्ध कराई जाए, जिससे वे संवाद के दौरान माताओं को इस संबंध में अवगत करा सकें।

इन्हें वर्षाकाल में होने वाली बीमारियों तथा उनसे बचाव के तरीकों की भी जानकारी दी जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों में दवाईयां सदैव उपलब्ध रहें। जिससे आवश्यकता अनुसार परिवार जनों को ये दवाईयां वितरित की जा सकें। तीनों जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा कुपोषण अभियान के तहत अब तक की गई कार्यवाहियों की जानकारी दी गई।