Shahdol News: शहडोल कलेक्टर बोले- जिला एवं जनपद स्तर पर स्थापित किए जाएं कन्ट्रोल रूम
बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक में दिए निर्देश

शहडोल। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने अधिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन की जिला स्तरीय समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला एवं जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
आपने कहा कि विगत 15 वर्षों में जिन स्थानों में वर्षाकाल में बाढ़ आपदा की स्थिति बनी है, ऐसे क्षेत्र जहां अक्सर बाढ़ का प्रकोप हुआ है उन स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए तथा उन्हे विशेष निगरानी में रखा जाए।
बाढ़ की स्थिति में इन स्थानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुचाने,उनके ठहरने के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था करने, उन्हें बाढ़ से बचाव एवं बचने की जानकारी देने हेतु प्रशिक्षित किया जाए। इस कार्य के लिए संबंधित पंचायतों, नगरपालिका, स्कूल शिक्षा विभाग तथा स्थानीय स्वयं सेवकों को भी चिन्हित किया जाए।
बाढ़ से बचाव हेतु आवश्यक उपकरण, स्थानीय तैराकों तथा होम गार्ड के तैराकों की सूची तैयार कर ली जाए। स्थानीय व्हाट्सअप गु्रप भी तैयार किए जाएं। नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जाए तथा जल स्तर खतरे के निशान पर पहुचने की संभावना होने पर कन्ट्रोल रूम को सूचित किया जाए। जलाशयों में नियंत्रित रूप से जल निकासी के प्रयास किए जाएं जिससे बाढ़ की स्थिति नहीं निर्मित हो।
ऐसे दुर्गम क्षेत्र जहां बाढ़ की स्थिति में नहीं पहुचा जा सकता है वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामगी, पेयजल व्यवस्था, जीवन रक्षक दवाईयां पर्याप्त मात्रा में पहले से ही उपलब्ध करा दी जाएं। ऐसे क्षेत्र जो बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं उन क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु पेयजल स्त्रोतों का चिन्हांकन तथा आवश्यकता पड़ने पर पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था कर ली जाए।
बाढ़ नियंत्रण हेतु जिले में उपलब्ध शासकीय, अशासकीय एवं निजी स्त्रोतों से उपलब्ध हो सकने वाली समस्त बाढ़ बचाव सामग्री जैसे मोटर वोट, नार्वे आदि की सूची तैयार की जाए तथा उनके दूरभाष नंबर एवं पते रखे जाएं। प्रशिक्षत चालकों एवं गोताखोरों की सूची भी तैयार की जाए।
बाढ़ एवं अतिवृष्टि के समय नगरीय क्षेत्रो में ऐसे बस्तियां जो नदी नालों के किनारे तथा निचले क्षेत्रो में अनाधिकृत रूप से बसी हैं तथा बाढ़ से जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ आने की संभावना में ऐसी बस्तियों बसे लोगों को पूर्व से सूचित कर दिया जाए जिससे उन्हें वैकल्पिक स्थानों पर पहुंचाया जा सके। जीर्ण शीर्ण एवं खतरनाक मकानों को चिन्हित कर संबंधित व्यक्तियों को स्थानीय निकायों द्वारा नोटिस जारी कर दी जाए।
बाढ़ एवं अतिवृष्टि के समय जलमग्न सड़कों एवं पुलियों से वाहन चालक अपने जोखिम पर पार करने का प्रयास करते हैं इन स्थानों का चिन्हांकन कर चेतावनी बोर्ड लगाए जांए तथा बैरियल स्थापित किए जाएं। ऐसी स्थिति में वाहन नहीं निकलने दिए जाएं। दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
वर्षा काल में सर्पदंश से होने वाली जनहानि की संख्या बढ़ जाती है। सर्पदंश से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर स्थानीय लोगों को बचाव एवं सावधानियों के लिए जागरूक किया जाए। आकाशीय बिजली तथा मौसम संबंधी चेतावनी से सचेत रहने के लिए 'दामिनी एप' डाउनलोड करने हेतु आम जन को जागरूक किया जाए।
वर्षाकाल में रेलवे अंडरब्रिज में वर्षा के दौरान जल भराव की स्थिति निर्मित होती है। स्थानीय निकाय पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराए। कलेक्टर ने कहा कि वर्षाकाल में अधिकारी जब भ्रमण पर जाएं तो उनके वाहनो में टार्च, रस्से, कुल्हाड़ी आदि अवश्य उपलब्ध रहे। इसी तरह बिजली के खम्भों के टूटने, टेढ़े हो जाने तथा झूलते हुए तारों एवं बिजली लाईन के आसपास ऐसे पेड़ जो बिजली लाईन पर गिर सकते हैं, को व्यवस्थित किया जाए।
बैठक में अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर अरविंद शाह,डिप्टी कलेक्टर भागीरथी लहरे, श्रीमती अन्तोनिआ एक्का, श्रीमती ज्योति परस्ते, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अखिलेश मिश्रा, खाद्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, होमगार्ड कमान्डेड, जिला परिवहन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।