Shahdol News: तालाबों के अतिक्रमण मामले में एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे नपा व राजस्व विभाग

 नगर पालिका ने 10 चिन्हित तालाबों के सीमांकन के लिए किया था पत्राचार, मिली आधी अधूरी जानकारी 

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 शहडोल। नगर के तालाबों के जलसंवर्धन के लिए नगर पालिका ने 10 तालाबों को चिन्हित किया है। इन तालाबों के सीमांकन के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने एसडीएम सोहागपुर को पत्राचार किया था। सीमांकन के लिए किए गए पत्राचार के जवाब में राजस्व विभाग ने चिन्हित तालाबों में किए गए अतिक्रमण की सूची तैयार कर नगर पालिका को भेज दी है। 

लेकिन, राजस्व विभाग से भेजी गई जानकारी में न तो तालाबों के क्षेत्रफल की जानकारी है और न ही इनके सीमा की कोई जानकारी दी गई है। तालाब की भूमि कितनी है और इसकी सीमा कहां तक है इसकी जानकारी के अभाव में नगर पालिका इनका संरक्षण नहीं कर पाएगी। इसे लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने राजस्व विभाग को पुनरू पत्राचार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पत्राचार के बाद राजस्व विभाग ने नगर के 11 तालाबों में किए गए अतिक्रमण की सूची भेजी है। इस सूची में 131 लोगों द्वारा कच्चा व पक्का निर्माण किए जाने व अतिक्रमित क्षेत्र की जानकारी राजस्व विभाग ने उपलब्ध कराई है। इसमें सबसे ज्यादा घरौला तालाब में 93 लोगों के नाम सूची में शामिल हैं। इसके अलावा वार्ड नं 08 हनुमान मंदिर के पास, शहीद भगत सिंह काम्पलेक्स के पीछे, शहंशाह आश्रम के पीछे, श्याम केयर हॉस्पिटल के पीछे, त्रिदेव होटल के पीछे, गोरहाई तालाब, करन तलैया तालाब, आईजी बंगले के पीछे व कलेक्टर बंगले के पीछे का तालाब शामिल हैं। सूची में त्रिदेव होटल के पीछे, गोरहाई तालाब, करन तलैया व आईजी बंगले के पीछे के तालाब को अतिक्रमणमुक्त दर्शाया गया है। कभी शहडोल शहर की पहचान तालाबों से थी, अब अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की गेंद एक दूसरे के पाले में डाल रहे हैं।



मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने तालाबों के जलसंवर्धन के लिए इन्हे संरक्षित करने के उद्देश्य से सीमांकन के लिए राजस्व विभाग को पत्राचार किया था। राजस्व विभाग ने जो जानकारी नगर पालिका को उपलब्ध कराई है उसमें न तो तालाबों के रकवे की कोई जानकारी उपलब्ध कराई गई है और न ही उनके सीमा की कोई जानकारी दी गई है। नगर पालिका का कहना है कि बरसात में अतिक्रमण हटाया नहीं जा सकता। सीमा का निर्धारण न होने की वजह से नपा इन तालाबों को संरक्षित भी नहीं कर पाएगी।

 राजस्व विभाग ने तालाबों में किए गए अतिक्रमण की जानकारी भेजी है। इसमें तालाबों के रकवे व सीमा का कोई उल्लेख नहीं है। तालाब का रकवा व सीमा की जानकारी होगी तभी इन्हे संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए राजस्व विभाग को फिर से पत्राचार किया जाएगा।