Shahdol News: शहडोल में नेशनल लोक अदालत में हुआ 1459 प्रकरणों का निराकरण
1031 प्रकरण प्रीलिटिगेशन के थे जबकि अन्य 428 प्रकरण न्यायालय में लंबित थे

शहडोल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय विशेष न्यायाधीश सुभाष सोलंकी के मार्गदर्शन में 10 मई को वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्यौहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर में किया गया।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माननीय विशेष न्यायाधीश सुभाष सोलंकी द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष अधिवक्ता संघ राकेश सिंह बघेल, कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश गीता सोलंकी, प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश कोल, राजेन्द्र सिंह सिंगार मुख्य न्यायिक मजिस्टेऊट, रूपेन्द्र सिंह मडावी व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, प्रीति सिंह बघेल व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, दीप्ती चैहान व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, श्वेता यादव व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, सचिव अधिवक्ता संघ सतीश पाठक, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल इमरान खान, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल रामशंकर तिवारी न्यायालय के अधिवक्तागण, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेंटियर, न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
जिला शहडोल में नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्योहारी बुढ़ार तथा जयसिंहनगर में कुल 22 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय परिसर में विद्युत विभाग, नगरपालिका, राष्ट्रीयकृत बैंक, बी.एस.एन.एल आदि विभागों के स्टॉल लगाए गए।
इस नेशनल लोक अदालत में कुल 1459 प्रकरणों का निराकरण हुआ, इनमें से 1031 प्रकरण प्रीलिटिगेशन के थे जबकि अन्य 428 प्रकरण न्यायालय में लंबित थे। नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के कुल 53 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किए गए थे जिसमे से 30 प्रकरणों में कुल मिलाकर 9802000/- रुपए का एवार्ड पारित किया गया।
चेक बाउंस के 80 रैफर प्रकरणों में 51 प्रकरण निराकृत हुए तथा 14641631/- रुपए की राशि के राजीनामा किए गए। न्यायालय में लंबित आपराधिक समझौता योग्य मामलों में 278 प्रकरण रखे गए जिसमें से 214 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ।
वैवाहिक प्रकरणों के 44 प्रकरण रखे गए जिसमें से 37 प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुए। सिविल, विद्युत आदि अन्य श्रेणी के 153 प्रकरण रखे गए जिनमें से 96 प्रकरण निराकृत हुए। कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित 608 राजीनामा योग्य प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे गए जिसमें 428 प्रकरणों में राजीनामा हुआ एवं 27888753/- रुपए की राशि एवार्ड एवं राजस्व प्राप्ति के रुप में प्रभावित हुई।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 584 प्रकरणों में से 82 प्रकरण निराकृत हुए तथा 6274433/- रुपए की राशि बैंको में जमा हुई। बिजली के 1012 पूर्ववाद प्रकरणों में से 774 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 958334/- रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 381 प्रकरणों में से 110 प्रकरण निराकृत हुए और लगभग 247457../- का राजस्व प्राप्त हुआ तथा अन्य प्रकरणों में जिनमें दूरसंचार, संपत्तिकर एवं अन्य प्रीलिटिगेशन के प्रकरण शामिल हैं के 69 प्रकरणों में से 65 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें शासन को लगभग 331585/- रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इस प्रकार 10 मई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 1459 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 2069 व्यक्ति लाभांवित हुए।