Rewa News: रीवा से चलने वाली रेवांचल, वंदेभारत व रीवा-इंदौर ट्रेन की गति में होगा इजाफा

अब्दुल्लागंज-वरखेड़ा के बीच नौ सिग्नल और बुधनी-इटारसी के बीच लगाए जा रहे 17 ऑटोमैटिक सिग्नल 

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Rewa Railway

रीवा। सभी यात्री ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने रेलवे अब ट्रैक पर ऑटोमैटिक सिग्नल लगा रहा है। ऑटोमैटिक सिग्नल के लगने से पटरियों पर ट्रेनों की संख्या के साथ ही रफ्तार भी बढ़ जाएगी। वर्तमान में 15 किमी की दूरी के बीच एक ट्रेन चलती है, लेकिन अब इतनी दूरी के बीच चार-पांच ट्रेन एक साथ चल सकेंगी। ट्रेन को आउटर पर खड़ी करने की समस्या भी दूर हो जाएगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा।


इन ट्रनों की बढ़ेगी स्पीड
यदि किसी कारण सिग्नल में खराबी आती है तो पीछे चल रही दूसरी अन्य ट्रेन को इसकी सूचना भी तत्काल मिलेगी। वर्तमान में बीना- खंडवा खंड में ऑटोमैटिक सिग्नल लगाने की योजना बन गई है। इससे भोपाल से बीना और खंडवा की ओर जाने वाली ट्रेन को फायदा होगा। रीवा से चलने वाली रेवांचल ट्रेन, वंदेभारत ट्रेन व रीवा-इंदौर ट्रेन की गति भी बढ़ेगी।

 बताया गया कि भोपाल-इटारसी के दो खंड अब्दुल्लागंज बरखेड़ा और बुधनी-इटारसी के बीच आटो सिग्नल लग गए हैं। अब्दुल्लागंज-वरखेड़ा के बीच नौ सिग्नल और बुधनी-इटारसी के बीच 17 ऑटोमैटिक सिग्नल लगाए गए हैं, जिससे एक ट्रैक पर चार से पांच ट्रेन को चलाया जा रहा है।


7 से 8 मिनट के अंतराल में रवाना हो सकेंगी ट्रेन
भोपाल-इटारसी ट्रैक पर यात्री ट्रेन का संचालन सबसे ज्यादा हो रहा है। इस रूट पर भोपाल, रानी कमलापति, इटारसी मुख्य स्टेशन हैं। इस ट्रैक पर वंदे भारत, राजधानी जैसी ट्रेन भी चल रही हैं। इस मार्ग में ट्रेन की संख्या ज्यादा होने की वजह से ही नया सिस्टम लगाया जा रहा है। रेलवे के अनुसार प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन के रवाना होने के बाद दूसरी ट्रेन को चलाया जाता है। इस बीच करीब 15 मिनट का अंतर आता है, लेकिन ऑटोमैटिक सिग्नल लग जाने के बाद यह समय घटकर सात से आठ मिनट हो जाएगा। अब एक सिग्नल के पार करते ही दूसरी ट्रेन को पीछे रवाना किया जाएगा। इससे ट्रेनों के लेट होने के मामले भी कम होंगे।