Rewa News: रीवा में अनियमितताओं और मनमानी का केन्द्र बना विशाल मेगामार्ट, लोगों की सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़
न फायर एनओसी, न ही आपात द्वार; हादसा हुआ तो कैसे निकलेंगे सैकड़ों लोग
रीवा। शहर के व्यस्ततम मॉडल रोड पर संचालित विशाल मेगामार्ट मॉल इन दिनों अनियमितताओं और सुरक्षा में भारी चूक को लेकर सवालों के घेरे में है। मॉल में न तो फायर एनओसी है और न ही आपातकालीन निकास की व्यवस्था। इसके बावजूद प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां खरीदारी और मनोरंजन के लिए पहुंच रहे हैं।
यदि कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो लोगों के बाहर निकलने का रास्ता केवल एक है। ऐसे में बड़ी दुर्घटना की पूरी संभावना है। यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है। फायर ऑडिट में स्पष्ट रूप से सामने आया है कि मॉल के पास फायर एनओसी मौजूद नहीं है।

एक से अधिक होने चाहिए द्वार
नियमों के अनुसार इस तरह के बड़े मॉल में एक से अधिक आपातकालीन द्वार अनिवार्य होते हैं लेकिन विशाल मेगामार्ट मॉल में अंदर जाने और बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता है। किसी भी आपात स्थिति में सैकड़ों लोगों की भीड़ एक ही मार्ग पर फंस सकते है जिससे बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बेसमेंट पार्किंग सिर्फ औपचारिकता

मॉल में बेसमेंट पार्किंग दिखाई गई है लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। अधिकांश ग्राहक अपने वाहन मॉल के बाहर सड़क पर खड़े करते हैं जिससे मुख्य मार्ग पर लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है। जानकारों का कहना है कि इतने व्यस्त आवागमन वाले मार्ग पर इस तरह के मॉल का संचालन नियमों के विरुद्ध है।
खाद्य सामग्री का मामला न्यायालय में विचाराधीन
सुरक्षा के साथ-साथ मॉल से जुड़ा खाद्य सामग्री का एक गंभीर मामला भी न्यायालय में लंबित है। फूड एंड सेफ्टी विभाग ने पिछले वर्ष मॉल में बिकने वाली एक पैकेट बंद खाद्य सामग्री का सैंपल लिया था। जांच में सामने आया कि पैकेट में न तो तेल था और न ही घी बल्कि फैट जैसी सामग्री पाई गई।
पैकेट के बाहर कंपनी द्वारा किए गए दावे भी भ्रामक पाए गए जो ग्राहकों को लुभाने के लिए किए गए थे। इस मामले में केस दर्ज कर अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इतने गंभीर तथ्य सामने आ चुके हैं तब भी मॉल का संचालन कैसे जारी है। क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही प्रशासन जागेगा या फिर नियमों की अनदेखी यूं ही चलती रहेगी।