Rewa News: रीवा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ड्रग इल्यूटिंग बैलून द्वारा एंजियोप्लास्टी कर बचाई गई मरीज की जान

डॉ. एस. के. त्रिपाठी के नेतृत्व में हृदय रोग विभाग के खाते में जुड़ी एक नई उपलब्धि 

 | 
Rewa

हृदय रोग से पीड़ित मरीज उपचार के लिए आया था अस्पताल, महानगरों में होता था जटिल ऑपरेशन

रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर लगातार नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। अस्पताल के डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन किया है जिसमें हार्ट के मरीज की जान बच गई। यह आपरेशन दूसरे महानगरों में होता था लेकिन रीवा शहर में पहली हृदय का यह जटिल आपरेशन कर डाक्टरों ने कीर्तिमान रच दिया। इस उपलब्धि पर हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों को डीन व अधीक्षक ने बधाई दी है। 


बताया गया है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। हार्ट की बीमारी से पीड़ित एक 50 साल के मरीज अस्पताल आये थे जिनकी डाक्टरों ने जांच की। उनको सीने में दर्द की शिकायत थी। जांच में पता चला कि उनके हार्ट की दो नसे 90 प्रतिशत और 80 प्रतिशत बंद हो चुकी है जिसकी वजह से उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। 


डॉक्टरों ने तत्काल उनका ऑपरेशन करने की योजना बनाई। यह जटिल ऑपरेशन था। डॉ. एसके त्रिपाठी ने अपने स्टाफ के साथ मरीज का ऑपरेशन किया। एक नस को डॉक्टर ने स्टंट इम्प्लांट की मदद से खोल दिया था और वह सही से काम कर रही थी। 


बताया गया है कि दूसरी नस को खोलने के लिए ड्रग ईल्यूटिंग बैलून एंजियोप्लास्टी का तरीका अपनाया जाना था जो बहुत जटिल होता है। डाक्टरों ने इस तरीके का इस्तमाल किया और मरीज के हार्ट की दूसरी नस को भी खोल दिया।


 यदि उनकी हार्ट की नस नहीं खुलती तो भविष्य में उनको बाईपास सर्जरी की आवश्यकता पड़ती अन्यथा हार्ट अटैक का खतरा उनको बन सकता था। आपरेशन के बाद मरीज की हालत धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। अभी उनको अस्पताल में ही रखा गया है और चिकित्सक उनकी हालत पर नजर बनाये हुए है।


इनका रहा योगदान
 इस ऑपरेशन की सफलता पर डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला, डीन डा. सुनील अग्रवाल, अस्पताल अधीक्षक डा. अक्षत श्रीवास्तव का विशेष योगदान  रहा है। अस्पताल के स्टाफ में कैथलैब टेक्निीशियन जय नारायण मिश्रा, सत्यम, सुमन, मनीष सहित अन्य लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


काफी महंगा है इलाज
उक्त मरीज को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाते हुए नि:शुल्क आपरेशन किया गया है। यह इलाज काफी महंगा होता है और अभी तक महानगरों के बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन संभव था। इसमें इलाज के नाम पर लोगों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ते थे। इस तरीके से हार्ट का आपरेशन रीवा में पहली बार हुआ है। अब डॉक्टर भविष्य में भी इस तरीके का इस्तमाल कर हार्ट के मरीजों का बेहतर उपचार कर पायेंगे।


इनका कहना है-
यह अस्पताल के एक बड़ी उपलब्धि है। हार्ट से पीड़ित मरीज का ड्रग ईल्यूटिंग बैलून एंजियोप्लास्टी की मदद से बंद नस को खोला गया है। यह ऑपरेशन बड़े शहरों में होता था। रीवा में भी अब यह जटिल ऑपरेशन संभव है। इसका लाभ भविष्य में सभी मरीजों को मिलेगा।
-डॉ. अक्षत श्रीवास्तव, अस्पताल अधीक्षक