Rewa News: रीवा के डॉक्टर्स ने दो बड़े दिल के छेद को भरा, न चीरा लगाया और न ही टांके

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक साथ दो बड़े दिल के छेद का किया गया सफलतापूर्वक डिवाइस क्लोजर

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रीवा। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। डॉ. एसके त्रिपाठी एवं डॉ. सुरेंद्र तिवारी की अगुवाई में टीम ने दो मरीजों के दिल में बड़े जन्मजात छेद (एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट -एएसडी) को बिना ओपन हार्ट सर्जरी के, मात्र एक छोटी सी डिवाइस के माध्यम से सफलतापूर्वक बंद कर दिया।

 


यह आधुनिक प्रक्रिया पहले केवल बड़े चीरे और ओपन हार्ट सर्जरी से ही संभव थी, लेकिन अब कैथेटराइजेशन तकनीक से बिना किसी टांके या बड़े ऑपरेशन के यह इलाज हो रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विंध्य क्षेत्र में पहली बार एक ही समय में दो एएसडी डिवाइस क्लोजर प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक संपन्न हुई हैं - यह क्षेत्रीय चिकित्सा इतिहास में एक मील का पत्थर है।

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एएसडी एक जन्मजात हृदय रोग है, जिसमें मरीजों को बार-बार सांस की संक्रमण, अत्यधिक थकान, सांस फूलना और अन्य समस्याएं होती हैं। यदि समय पर कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क कर 2डी इको टेस्ट कराया जाए, तो इस समस्या का पता चल जाता है और इसे इस न्यूनतम आक्रामक डिवाइस प्रक्रिया से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इससे मरीज जल्दी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जीने लगते हैं।

 

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इस अभूतपूर्व सफलता पर स्वास्थ्य मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, डीन डॉ. सुनील अग्रवाल, सुपरिंटेंडेंट डॉ. अक्षय श्रीवास्तव तथा कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वी.डी. त्रिपाठी ने पूरी टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

 

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प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली टीम में चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग स्टाफ सतेंद्र, कैथलैब टेक्नीशियन जय नारायण मिश्रा, सुधांशु, मनीष, सत्यम, सुमन, विजय एवं सोनाली शामिल रहे।