Rewa News: रीवा में सौतन को धारदार हथियार से मारा, लहूलुहान चेहरे को पैरों से लगातार कुचला; जानिए वजह
भीड़ देखती रही, वीडियो बनाती रही, मानसी को रोकने जुटा नहीं सकी हिम्मत; Video वायरल
रीवा। एक महिला अपनी सौतन को चाकुओं से गोद रही है। सिर से लेकर पैर तक खून से लथपथ जमीन में पड़ी पीड़िता उससे रहम की भीख मांग रही है। चाकू लिए महिला लगातार उसके चेहरे को पैरों से कुचल रही है। यह पूरा दृश्य वीडियो में देखा जा रहा है, वीडियो मोबाइल से मोबाइल तेजी से ट्रांसफर हो रहा है। यह वायरल वीडियो मध्यप्रदेश के रीवा जिले के सोहागी थाना क्षेत्र के चौरा नानकार गांव का बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक चौरा नानकार गांव के रामबाबू ने तकरीबन ५ वर्ष पूर्व जया (उम्र २६ वर्ष) से विवाह किया था। उसके लगभग २ साल बाद याने अभी से तकरीबन ३ साल पहले दूसरा विवाह मानसी (उम्र २३ साल) से किया था। रामबाबू ने अपनी दोनों पत्नियों को अपने घर में एक साथ रखा था। आए दिन दोनों सौतन के बीच विवाद होता रहता था। कभी-कभार रामबाबू भी विवाद का शिकार हो जाता था।
चाकू मारा, पैरों से कुचला
गत दिवस दोनों सौतनों में विवाद इस कदर बढ़ गया कि रामबाबू की दूसरी पत्नी मानसी ने पहली पत्नी जया को बेदम होने तक पीटा। मानसी ने जया पर धारदार हथियार से कई वार किए। हल्लागुल्ला सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो दृश्य देखकर मानसी को रुक जाने के लिए आवाज देते रहे लेकिन मानसी ने किसी की न सुनी और जया को जमीन पर पैरों से बेदम होने तक कुचलती रही। जो लोग समझाईश की आवाज दे रहे थे उनको भी मानसी गुस्से से देख रही थी। घटना स्थल पर पहुंचे कुछ लोगों ने इस पूरी वारदात के वीडियो बना लिए जो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहे हैं।
प्रयागराज में चल रहा इलाज
रीवा जिले के सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत हुई इस वारदात में गंभीर रूप से घायल जया को इलाज के लिए रीवा के एसजीएमएच में भर्ती कराया गया जहां से उसे प्रयागराज रेफर कर दिया गया। प्रयागराज में जया का इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर किंतु स्थिर है। धारदार हथियार के तेज वार के बाद पैरों से कुचलने के कारण जया के शरीर से काफी खून बह गया है। वहीं पुलिस ने आरोपी दूसरी पत्नी मानसी को गिरफ्तार कर लिया है।
पहली पत्नी से ज्यादा प्यार करता था रामबाबू
इस पूरे मामले में आरोपी मानसी का कहना है कि रामबाबू पहली पत्नी जया को ज्यादा प्यार करता था और मुझको कम प्यार करता था। इस बात को लेकर जया अक्सर घमंडियाती थी। उसे मैंने कई बार समझाने का भी प्रयास किया लेकिन वह नहीं मानी। इस कारण मैंने उसको खुद ही सजा दे दी। वहीं चौकी प्रभारी जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि रामबाबू ने पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर ही दूसरा विवाह किया था, जो कि कानूनी रूप से गलत है। दोनों पत्नियों के एक साथ, एक ही छत के नीचे रहने के कारण भी ऐसी वारदात की स्थिति निर्मित हुई। इस तरह पति रामबाबू भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आता है।
पंचायत तक पहुंच गया था दूसरी शादी का मामला
सोनौरी चौकी प्रभारी जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय ने दैनिक गुड मॉर्निंग के त्योंथर संवाददाता शास्त्री प्रसाद मिश्रा को बताया कि रामबाबू और जया शादी के बाद खुशी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे थे कि इसी बीच पति-पत्नी के बीच वो आ गई। रामबाबू और मानसी की नजदीकियां तेजी से बढ़ने लगीं। दोनों के बीच मुलाकातें और बातें भी घनी होने लगीं। बात शादी तक पहुंच गई तो रामबाबू ने मानसी से कहा कि मैं पहले से ही शादीशुदा हूं तो तुमसे शादी कैसे करूं। मामला पंचायत तक पहुंच गया तब रामबाबू को मानसी को पत्नी के रूप में अंतत: स्वीकार करना ही पड़ा। मानसी विगत दो वर्षों से रामबाबू और जया के साथ एक ही घर में, एक ही छत के नीचे रह रही थी।
यह कहा मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने
इस पूरे मामले को लेकर गुड मॉर्निंग इंग्लिश ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी से बात की। इस सम्बंध में डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि अत्यधिक क्रोध और अनियंत्रित आवेग व्यक्ति को हिंसक प्रवृत्तियों की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में हम देखते हैं कि किस तरह व्यक्ति अपने आवेगों पर नियंत्रण खो देता है। ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।
डॉ. त्रिवेदी के मुताबिक इस घटना में दांपत्य जीवन में तनाव और हिंसा एक प्रमुख कारण है। कई बार असफल संबंधों का बोझ मानसिक अस्थिरता का कारण बनता है। इससे व्यक्ति अवसाद और गहन तनाव की स्थिति में जा सकता ह। डॉ. त्रिवेदी ने बताया ऐसे संबंधों में परामर्श लेना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना अति आवश्यक हो जाता है।
गुड मॉर्निंग इंग्लिश से बातचीत में डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने यह भी कहा कि इस घटना में एक और चिंताजनक पहलू भीड़ का मूक दर्शक बनकर रहना है। उन्होनें इसे समाज में सहानुभूति और मानवीयता की कमी का द्योतक बताया। आज के समाज को मानसिक और भावनात्मक संवेदनशीलता की आवश्यकता है। इस प्रकार की निष्क्रियता न केवल पीड़ित के लिए हानिकारक है बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है।