Rewa News: रीवा के एक गांव में सड़क नहीं होने की वजह से खटिया में ले जाई गई प्रसूता

हनुमना के कोन गांव में नहीं है सड़क, एम्बुलेंस चालक ने अंदर वाहन ले जाने से किया इंकार

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मऊगंज। सालों से सड़क की लड़ाई लड़ रहे लोगों की समस्या दूर होने का नाम नहीं ले रही है। हालत यह है कि एक प्रसूता महिला को घर वाले खटिया में लिटाकर गांव से सड़क तक लेकर आए ताकि उनको एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा सके। यह वीडियो वायरल होने पर हड़कंप की स्थिति बन गई। प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए है। 


बताया गया है कि एक महिला को सड़क नहीं होने की वजह से खटिया में लिटाकर ले जाया गया। हनुमना के ग्राम कोन में सालों से सड़क नहीं बन पाई है। कच्ची सउ़क है जो बारिश के बाद कीचड़ बन जाती है और इसी कीचड़ से लोगों को निकलना पड़ता है। सालों से लोग सड़क बनवाने की मांग कर रहे है। 


किसी ने नहीं सुनी लोगों की मांग 
लोगों की मांग को किसी ने नहीं सुना और गांव की सड़क आज तक नहीं बन पाई जिससे आज भी गांव की कच्ची सड़क में वाहन बारिश के बाद नहीं गुजर पाते है। इस कच्ची सड़क से सबसे ज्यादा दिक्कत मरीज और प्रसूता महिलाओं को होती है जिनको अस्पताल ले जाने में गांव के लोगों को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ती है।


एम्बुलेंस चालक ने गाड़ी को सड़क से नीचे उतारने से किया इंकार 
बताया गया है कि गांव की महिला वर्षा साकेत को गत दिवस प्रसव पीड़ा हुई थी। प्रसव पीड़ा के उपरांत घर वालों ने एम्बुलेंस को फोन किया जो काफी विलंब से पहुंची। उस समय बारिश हेा गई थी तो एम्बुलेंस चालक ने गाड़ी को सड़क से नीचे उतरने में साफ इंकार कर दिया। 


घर वाल समस्या में फंस गए थे जिस पर वे महिला को बिस्तर में लिटाए और खटिया सहित उसको उठाकर सड़क तक लेकर आए। उसके बाद एम्बुलेंस से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। कोन गांव का वीडियो वायरल होने पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। इस प्रकरण में अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है।


मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला
खटिया में प्रसूता महिला को ले जाने का मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है और आयोग ने इसको संज्ञान में ले लिया है। मऊगंज कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। उनसे एक महीने के अंदर इस प्रकरण में जवाब प्रस्तुत करने को बोला गया है। आखिर ऐसी स्थिति किन कारणों की वजह से बनी है जिसमें महिला को खटिया में लिटाकर ले जाना पड़ा।