Rewa News: रीवा रेंज के आईजी डॉ. महेंद्र सिंह सिकरवार के काव्य संग्रह का आज डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल करेंगे विमोचन
कर्कश जमीन में उपजी हैं 'समीर' की मखमली नज्में, नाम मिला 'इबारत'
रीवा। आमतौर पर पुलिस महकमे से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी कर्कशता और सख्त व्यवहार और कानून का डंडा चलाने के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके इतर भी पुलिस अधिकारियों की दुनिया है। पुलिस विभाग से जुड़े कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं, जिनका रुझान साहित्य की ओर है और गहरी लगन और संवेदनशीलता के साथ साहित्य सृजन में लगे हुए हैं।
ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह सिकरवार हैं। सिकरवार ने अदब की महफिलों से नाता जोड़ा है और अपने सफर को यहां तक पहुंचाया है। अब वे अपने एक संकलन के साथ मंजर-ए-आम पर जा रहे हैं। उन्होंने अपने काव्य संग्रह का नाम इबारत दिया है। उनके इस काव्य संग्रह का विमोचन 23 नवंबर को रीवा के कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में होगा। मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल संग्रह के मुख्य अतिथि के तौर पर विमोचन करेंगे।
इस दौरान एक मुशायरा भी आयोजित किया जाएगा। सिकरवार फिलहाल रीवा रेंज में आईजी के पद पर पदस्थ हैं और वे 'समीर' के नाम से गजल और नज्म (कविताएं) लिखते हैं। उनकी पहचान एक सख्त पुलिस अधिकारी के तौर पर है। यानी कर्कशता के बीच साहित्य का मखमली तरन्नुम भी उन्होंने अपनी कलम उसे उगाया है। इसे इबारत नाम से आकार दिया है।
इस पुस्तक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह सिकरवार यानी समीर की नज्मों और गजलों का संग्रह किया गया है। पुलिस की व्यस्तता भरी जिंदगी में से कुछ समय खुद के लिए निकालकर सिकरवार ने इन कविताओं और गजलों को मूर्त रूप दिया है।
सरल उर्दू भाषा में लिखी नज्में
सिकरवार कहते हैं कि मन में था कि विचारों को सहेजना चाहिए। तरह-तरह की कविताएं, गजलें और नज्मों या कुल मिलाकर साहित्य के प्रति पहले से गहरी रुचि थी। उसके बाद से हमने लिखना शुरू किया। हमने देवनागरी में गजलें लिखी हैं। सारी नज्में सरल उर्दू भाषा में हैं।
हमने मन के विचारों, आज की व्यवस्था सहित तमाम विषयों पर लिखा है। वे बताते हैं कि मैं नीरज जी (देश के जाने माने गीतकार स्वर्गीय गोपालदास नीरज) के संपर्क में था। उनके अलावा भी बहुत सारे कवियों, गीतकारों और शायरों के संपर्क में हूं। साहित्य में रुचि के कारण इस मुकाम पर पहुंचा हूं।
सजेगी मुशायरे की महफिल
कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली इस महफिल-ए-खास में देश के नामचीन शायर नामवर कवि अपने कलाम पेश करेंगे। इनमें मंजर भोपाली, डॉ. विष्णु सक्सेना, कर्नल वीपी सिंह, सरिता शर्मा, डॉ. महेंद्र सिंह समीर, चौधरी मदन मोहन समर, डॉ. अंजुम बाराबंकवी, नदीम फर्रूख, पपलू लखनवी, डॉ. महताब आलम, डॉ. भुवन मोहिनी, जफर सहबाई, अमित शुला आदि शामिल रहेंगे।
खास बात यह कि रीवा में आयोजित होने वाले इस महफिल में जो भी कवि शामिल हो रहे हैं। उनमें एक और पुलिस अधिकारी कवि के तौर पर शामिल होंगे। उनका नाम मदन मोहन है और समर के नाम से काव्य लेखन करते हैं। वे वीर रस की कविताएं लिखते हैं और अपनी प्रखर आवाज के लिए जाने जाते हैं। आईजी रीवा सिकरवार के साथ समर कई काव्य मंच भी साझा कर चुके हैं।