Rewa News: रीवा में फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि भुगतान करने वाले पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री व संविदाकार पर प्रकरण दर्ज
ईओडब्ल्यू ने पूरे मामले को जांच में लिया, दो करोड़ से अधिक का हुआ फर्जी भुगतान

रीवा। लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार आम बात है। भ्रष्टाचार भी यहां करोड़ों में होता है और किसी को भनक भी नहीं लगती है। ऐसा ही एक प्रकरण का ईओडब्ल्यू ने खुलासा किया है जिसमें दो करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया गया है। कार्यपालन यंत्री और संविदाकार को आरोपी बनाया गया है जिन्होंने पूरा फर्जीवाड़ा किया था।
बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग में सड़क निर्माण के नाम पर दो करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा किया गया था। सीआरएफ योजना अन्तर्गत 2017 से 2022 की अवधि में सतना जिले के सेमरिया बनकुंईया मार्ग से गाजन, बकिया, भटिगवां, खा हा, किचवरिया, इटौरा, मैनपुरा, अकौना, टिकरी, खमहरया, गोरईया मार्ग 46.70 किमी का निर्माण कार्य होना था जिसका ठेाका मो. एसआर कंस्ट्रक्शन कंपनी दिल्ली को 1 मई 2017 को जारी हुआ था।
अनुबंध के आधार पर सड़क का निर्माण कार्य का अंतिम देयक का भुगतान वर्ष 2021 में किया गया था। निर्माण कार्य के चलित देयकों के भुगतान में माइल स्टोन कार्य में विलम्ब की राशि 2.59 करोड़ रुपए का भुगतान लोक निर्माण विभाग सतना ने रोक दिया था।
बताया गया है कि उक्त राशि के भुगतान हेतु ठेकेदार द्वारा लोक निर्माण विभाग सतना के कार्यालय में रॉयल्टी चुकता संबंधी कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग शाखा रीवा का पत्र प्रस्तुत किया गया। उक्त पत्र 9 माह बाद तत्कालीन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सतना मनोज द्विवेदी द्वारा मार्क किया गया।
उक्त पत्र सतना के लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में आवक नहीं पाया गया। उक्त पत्र के आधार पर लोक निर्माण विभाग सतना के लेखाधिकारी की टीप को लेकर नजरअंदाज कर माइल स्टोन की रोकी गई राशि का भुगतान कर दिया गया।
ईओडब्ल्यू में हुई थी शिकायत
इस पूरे प्रकरण की ईओडब्ल्यू में शिकायत हुई थी। शिकायत के उपरांत अधिकारियों ने उसको जांच में लिया। जांच में पूरे प्रकरण की सत्यता का पता चला। खनिज विभाग के जिस पत्र के आधार पर भुगतान हुआ था वह पत्र खनिज विभाग से जारी नहीं हुआ था बल्कि फर्जी पत्र तैयार किया गया था जिसके आधार पर भुगतान हुआ था। सारे फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी ने कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से संविदाकार को भुगतान कराया।
इनका कहना है-
इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जांच की गई। जांच के उपरांत गलत तरीके से भुगतान का मामला सामने आया है। जांच में कार्यपालन यंत्री सतना और संविदाकार के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध कायम किया गया है।
-अरविंद ठाकुर, एसपी ईओडब्ल्यू