Mauganj News: मऊगंज का देवरा गांव बना पुलिस छावनी, मजार की तोड़ी बाऊंड्री
अतिक्रमण हटाने के लिए चली प्रशासन की जेसीबी, इलाके को कर दिया गया था सील
रीवा। अतिक्रमण की वजह से पिछले कई दिनों से मचे बवाल के बीच आज प्रशासन की जेसीबी एक बार फिर गरजी। प्रशासन ने मजार की बाऊंड्री को तोड दिया है। इसके लिए पूरा गांव पुलिस छावनी बना दिया गया था और स्थानीय लोगों के अलावा मीडिया केा भी बाहर ही रोक दिया गया था। पुलिस ने तत्काल दीवार को गिराकर उसका मलवा भी हटवा दिया। इस बीच किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं थी।
बताया गया है कि देवरा गांव में कई दिनों के बवाल के बाद आज प्रशासन की जेसीबी मशीन चली है। देवरा गांव में अतिक्रमण को लेकर विधायक प्रदीप पटेल कई दिनों से नजरबंद है। आज प्रशासन ने यहां पर अतिक्रमण के खिलाफ आंशिक रूप से कार्रवाई की है।
आज सुबह प्रशासन जेसीबी मशीन सहित लोडर वाहनों को लेकर पहुंचा और मजार की बाऊंड्री को तोडने की कार्रवाई शुरू की। इसके लिए हाइवे से लेकर गांव तक का इलाका सील कर दिया गया था। जिस स्थान पर अतिक्रमण हटाया जा रहा था वहां से पांच सौ मीटर दूर तक किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी। लोगों के मोबाइल पर भी ले लिये गये थे।
बताया गया है कि प्रशासन ने मजार की बाऊंड्री की तोडा और उसका मलवा भी हटवा लिया है।प्रशासन ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया था। दो सैकड़ा से ज्यादा पुलिसकर्मी गांव में तैनात थे ताकि कोई बवाल हो तो उससे तत्काल निपटा जा सके। हालांकि किसी तरह के विरोध का प्रशासन को सामना नहीं करना पड़ा।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अतिकमण हटाने की कार्रवाई गांव में की गई है। अभी शेष अतिक्रमण को प्रशासन नहीं हटवा रहा है क्योंकि उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 29 नवम्बर तक उसमें रोक लगी हुई है। जैसे ही न्यायालय का कोई आदेश आया तो उसके बाद यहां पर प्रशासन की आगे कार्रवाई करेगा।
विधायक रेस्ट हाऊस में नजरबंद, सुरक्षा व्यवस्था चौकस
रीवा से रिहा होने के बाद मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल अब नईगढी रेस्ट हाऊस में नजरबंद है। विधायक ने यहां पर खुद को कमरे में बंद कर लिया है और ज्यादा किसी से मुलाका नहीं कर रहे है। यहां तक कि उन्होंने मोबाइल भी अपने बाहर रख दिये है जिससे अब वे लोगों से ज्यादा मुलाकात नहीं कर रहे है। विधायक ने अतिक्रमण हटने तक खुद को कमरे में बंद रखने का एलान किया है जिससे प्रशासन भी परेशान है।
पांच दिन से गांव में कैद है लोग
इस घटना के उपरांत प्रशासन ने गांव की सीमा को सील कर दिया था। प्रशासन ने यहां पर जाली लगाकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया है और उनमें पुलिस बल तैनात है। गांव के लोग पांच दिनों से अपने घर में कैद हो गए है। गांव से वे बाहर नहीं निकल पा रहे है जिसकी वजह से जनजीवन पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।