MP News: एमपी में अभी तक अपनी कार्यकारिणी घोषित नहीं कर पाए बीजेपी के पच्चीस जिला अध्यक्ष

प्रदेश संगठन ने जताई नाराजगी, जल्दी मांगी सूची; जिला अध्यक्ष कर रहे आनाकानी

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भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा तकरीबन दस माह पहले सभी जिला अध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है, लेकिन प्रदेश संगठन ने जो तेजी दिखाई थी, उस तेजी से जिला अध्यक्ष अमल नहीं कर पाए। आलम यह है कि 25 जिलों के अध्यक्ष अपने जिला पदाधिकारियों की घोषणा अब तक नहीं कर पाए हैं। 


बताते हैं कि इसको लेकर प्रदेश संगठन ने नाराजगी जाहिर की है और जिला अध्यक्षों से जल्दी सूची देने को कहा है। भाजपा का प्रदेश स्तर पर भी संगठनात्मक बदलाव हो गया। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को पद संभाले हुए भी करीब पांच महीने हो चुके हैं।

संगठनात्मक कसावट की पैरोकारी करने वाले खंडेलवाल की नसीहतों के बावजूद दो दर्जन से अधिक जिला अध्यक्षों ने अपने जिला पदाधिकारियों की घोषणा नहीं की है। जिन जिलों के पदाधिकारियों की घोषणा नहीं हो सकी है, उनमें भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर शहर जैसे महानगर भी शामिल हैं।


सीएम के गृह जिले उज्जैन के नगर और ग्रामीण दोनों जिलों पदाधिकारियों की घोषणा हो चुकी है। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव वर्ष 2024 से सदस्यता अभियान के साथ शुरू हुए थे। इस वर्ष जनवरी में भाजपा ने अपने सभी 62 संगठनात्मक जिलों के जिला पदाधिकारियों की घोषणा कर जल्दी से जल्दी जिला पदाधिकारियों की सूची जारी कर मैदानी स्तर पर कार्य में डट जाने के निर्देश दिए थे।


 बावजूद इसके भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे महानगरों में इसका पालन नहीं किया गया है। इसी को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने जिला अध्यक्षों की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जाहिर की है। आलाकमान ने जिला अध्यक्षों से कहा कि जल्दी सूची तैयार कर मंजूरी के लिए भेजी जाए। इसमें लेटलतीफी बिल्कुल नहीं चलेगी। 


इन जिलों में बनी कार्यकारिणी 
आगर-मालवा, बालाघाट, बैतूल, भोपाल ग्रामीण, छिंदवाड़ा, दमोह, देवास, डिंडोरी, हरदा, मंडला, मउगंज, पांदुर्णा, सागर ग्रामीण, शाजापुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उज्जैन नगर, उज्जैन ग्रामीण, खण्डवा, अलीराजपुर, निवाड़ी, दतिया, रतलाम, अशोक नगर, मंदसौर, अनूपपुर, नीमच, बड़वानी, झाबुआ, मैहर, रीवा, श्योपुर, जबलपुर ग्रामीण, नर्मदापुरम, रायसेन, इंदौर नगर शामिल हैं। 


आखिरकार कहां फंस रहा पेंच 
भाजपा पहले जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद उन्हें जिला कार्यकारिणी बनाने की पूरी छूट देती थी। ऐसे में कई जिलों में जिला अध्यक्ष अपने पसंदीदा कार्यकर्ताओं को अपने हिसाब से ओहदे पर बैठा देते थे। जिले के सांसद-विधायक या बड़े नेताओं के दबाव में ऐसे कार्यकर्ताओं को भी जिला पदाधिकारी बना दिया जाता था, जो सिर्फ नाम के होते थे। 


संगठनात्मक कार्यों में उनकी अधिक रुचि होती नहीं थी। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में संगठन ने जब जिला पदाधिकारियों, मोर्चा के जिला पदाधिकारियों की प्रदेश स्तर से मॉनीटरिंग शुरू की तो यह चौकाने वाली जानकारी सामने आई। कई जिलों में पदाधिकारी बन गए कार्यकर्ता स्वयं के रोजगार, व्यवसाय से इतर पार्टी कार्यों में सिर्फ औपचारिक रूप से शामिल होते थे। 


मोर्चा के जिला और मंडल के पदाधिकारियों की स्थिति यह थी कि वह अपने आका के इशारे पर ही कार्य करते थे। इस बार ऐसा नहीं किय गया। इस बार जिला अध्यक्ष को सूची तैयार कर प्रदेश संगठन को देना है। संगठन की मंजूरी के बाद उसे जारी किया जाता है। बस यहीं पेंच फंसा हुआ है। जिला अध्यक्ष अपनी चलाना चाहते हैं और प्रदेश नेतृत्व संगठन को कमजोर नहीं होने देना चाह रहा है। 


पद पाने और बचाने में जुटे नेता, पार्टी की गतिविधियों पर पड़ रहा असर 
भाजपा कार्यकर्ता आधारित दल है और वर्ष भर पार्टी की गतिविधियां चलती रहती हैं। वर्तमान में देश के प्रथम गृह मंत्री स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती का कार्यक्रम संपन्न हुआ है।

जनजातीय क्रांतिवीर बिरसा मुंडा की जयंती को भाजपा देशभर के साथ पूरे मध्यप्रदेश में मना रही है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने प्रदेश के सभी 24 आदिवासी बाहुल्य जिलों की 47 विधानसभा सीटों पर 15 नवंबर को बड़े आयोजन किए हैं।


विधानसभाओं में जनजातीय गौरव रैलियों का आयोजन किया गया। एसआई आर को लेकर सभी जिलों में टोलियां बनाई गई हैं, जिनका कार्य एक-एक मतदाता तक पार्टी की यह बात पहुंचाना है कि एसआई आर फर्जी और मतदाताओं को चिन्हित करने के साथ दूसरे देशों से घुसपैठ कर भारत में आकर फर्जी दस्तावेजों से यहां के वोटर बनने वालों को चिहिन्त करने के लिए है।

वास्तविक मतदाताओं को किसी भी प्रकार की चिंता करने की बात नहीं है, लेकिन दो दर्जन से अधिक जिलों में पार्टी पदाधिकारियों की घोषणा नहीं होने से कुछ पदाधिकारी खुद को नई कार्यकारिणी में बाहर किए जाने की आशंका में शांत होकर घर बैठ गए हैं। कुछ नई कार्यकारिणी में स्थान पाने के लिए जिले से लेकर बड़े नेताओं की परिक्रमा करने में जुटे हुए हैं।