MP News: एमपी में परीक्षा में लापरवाही बरतने वालों को तीन साल की जेल, जुर्माना भी लगेगा

मध्यमिक शिक्षा मंडल की परिक्षाओं में लापरवाही बरतने वाले कलेक्टर प्रतिनिधियों पर लागू होगा परीक्षा अधिनियम 

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भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में लापरवाही बरतने वाले कलेक्टर प्रतिनिधियों पर भी परीक्षा अधिनियम लागू होगा और इसी के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें अधिकतम तीन साल की जेल और पांच हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।


माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं और बारहवीं परीक्षा आगामी 25 फरवरी से शुरू होने जा रही है। दो साल पहले हुए पेपर आउट से सबक लेते हुए शासन ने कई स्तरों पर सख्ती बरतने की तैयारी की है। जारी आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक थाने से परीक्षा केंद्र तक प्रश्न-पत्रों को ले जाने के लिए केंद्रवार कलेक्टर प्रतिनिधियों की नियुक्ति की जा रही है, जो प्रश्नपत्रों के बॉस को थाने से निकलवाकर केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष के साथ परीक्षा केंद्र तक जाएंगे।


 केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष एवं कलेक्टर प्रतिनिधि द्वारा प्रश्नपत्रों  के बॉक्स को थाने से परीक्षा केंद्र तक ले जाते समय ट्रेकिंग की व्यवस्था की गई है, यह ट्रेकिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से की जाएगी। प्रत्येक थाने में गोपनीय सामग्री निकालने के लिए केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष, थाना प्रभारी एवं कलेक्टर के प्रतिनिधि के समक्ष प्रश्न-पत्र थाने से निकालने की कार्यवाही की जाएगी।


कलेक्टर के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में संबंधित केंद्राध्यक्ष द्वारा जिला कलेक्टर अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत (नोडल अधिकारी) को दूरभाष पर सूचित कर उनके निर्देशानुसार थाने से प्रश्नपत्र  के बॉक्स को निकालने की कार्यवाही करेंगे। 
प्रश्न-पत्र के बॉक्स निकालते समय प्रत्येक दिन केंद्राध्यक्ष, थाना प्रभारी एवं कलेक्टर के प्रतिनिधि थाने में रखी अभिरक्षा पंजी में निर्धारित स्थान पर हस्ताक्षर किया जाना अनिवार्य होगा।

केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष प्रतिदिन ड्यूटी (एक दिन केंद्राध्यक्ष एवं दूसरे दिन सहायक केंद्राध्यक्ष) बदलकर प्रश्न-पत्र के बॉक्स स्वयं निकालते समय पुलिस स्टेशन पर रखी अभिरक्षा पंजी व परीक्षा केंद्र पर रखी अभिरक्षा पंजी में यथास्थान प्रविष्टियां कर हस्ताक्षर करेंगे।


सुबह छह बजे निकाले जाएंगे प्रश्न-पत्र
दसवीं और बारहवीं परीक्षा में करीब 17 लाख विद्यार्थी शामिल होने जा रहे हैं। परीक्षा का समय सुबह 9 से 12 बजे तक रहेगा। परीक्षा संचालन के लिए प्रश्न-पत्र के बॉक्स के लिए केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष एवं कलेक्टर प्रतिनिधि की थाने पर उपस्थिति सुबह 6 बजे से पहले होगी। प्रश्न-पत्र के बॉक्स लेकर केंद्राध्यक्ष-सहायक केंद्राध्यक्ष एवं कलेक्टर प्रतिनिधि को परीक्षा केंद्र में सुबह 8.30 बजे के पूर्व उपस्थित होना होगा।


 परीक्षार्थियों की परीक्षा केंद्र में उपस्थिति सुबह 8 बजे तक देनी होगी। परीक्षार्थियों की परीक्षा कक्ष में उपस्थिति सुबह-सुबह 8:30 बजे तक होगी। परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष द्वारा प्रश्न-पत्र का बॉक्स सुबह 8:30 बजे के बाद खोला जाएगा। परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष द्वारा पर्यवेक्षकों को प्रश्न-पत्र के पैकेट्स सुबह 8:45 तक वितरित किए जाएंगे। 


पर्यवेक्षकों द्वारा परीक्षा कक्ष में छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं सुबह 8.50 तक वितरित की जाएंगी। पर्यवेक्षकों द्वारा परीक्षा कक्ष में प्रश्न-पत्र के पैकेट खोलकर एवं छात्रों को प्रश्न-पत्र वितरित करने की कार्यवाही 8:55 तक करना होगी। सुबह 9 बजे परीक्षा शुरू होने के बाद कलेक्टर प्रतिनिधियों को एक घंटा अनिवार्य रूप से परीक्षा केंद्र पर उपस्थित रहना होगा।


परीक्षा को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया
परीक्षा कार्य को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है। अत: मंडल परीक्षाओं के लिए नियुक्त केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष एवं कलेक्टर प्रतिनिधि की कार्य स्थल पर अनुपस्थिति को मंडल निर्देशों की अवहेलना माना जाएगा। ऐसा करने पर सर्वसम्बंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ उक्त अधिनियम के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। साथ में प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता भंग करने अथवा गोपनीयता भंग का प्रयास करने की स्थिति में मध्यप्रदेश परीक्षा अनिधियम 1937 में विहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही होगी।


परीक्षा के कड़े नियम नहीं बने
दो साल पहले हुए माशिमं के पेपर आउट के बाद परीक्षा अधिनियम 1937 में कड़े प्रावधान किए जाने थे। इसकी शासन स्तर पर दो साल से तैयारी चल रही है। इसके तहत मध्यप्रदेश में किसी ने पेपर लीक किया, तो उसे आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। आरोपियों पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। 


कोई नकल करता पकड़ा जाएगा, तो वह जेल नहीं जाएगा, लेकिन अगले एक साल तक परीक्षा नहीं दे सकेगा। यह बाते अभी सिर्फ ड्राफ्ट तक सीमित है। फिलहाल इस साल की परीक्षा पुराने परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत होगी। इसके तहत एमपी में कोई परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में नकल करते पकड़ा जाता है, तो परीक्षा अधिनियम में ऐसी नकलची परीक्षार्थी को 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है। अधिनियम में 5 हजार रुपए अर्थदंड का भी प्रावधान है।


यह बात दीगर है कि इस अधिनियम क तहत किसी को सजा नहीं हुई है। इसके विपरीत पुराने मामलों को देखा जाए, तो दो साल पहले पेपर आउट में संदिग्ध भूमिका वाले शिक्षकों की बाद में अच्छी जगह पर पदस्थापना भी कर दी गई थी।