MP News: एमपी में प्रतिनियुक्ति में की गई अनियमितताओं को सही साबित करने में जुटे अफसर
स्कूल शिक्षा मंत्री को नीचा दिखाने नियम बदलने की कवायद शुरू

भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति के दौरान की गई अनियमितताओं को लेकर विभाग के अफसर अब खुद को सही साबित करने में जुट गए हैं। इसके लिए अफसर नियम बदलने की तैयारी में हैं। इसके जरिए संचालक को निलंबित करने की नोटशीट लिखने वाले विभाग के मंत्री को नीचा दिखाने की तैयारी है।
स्कूल शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति के बाद मूल विभाग में वापसी करने के लिए नियमानुसार विभागीय मंत्री के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद लोक सेवकों की पदस्थापना की जाना चाहिए, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय के अफसरों ने मनमर्जी चलाई और मंत्री के अनुमोदन के बिना मातहतों की नई पदस्थापना कर दी।
डीपीआई के अफसरों की इस अनियमितता को विभाग के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कागजों के साथ पकड़ लिया। इसे लेकर मंत्री ने डीपीआई के संबंधित संचालक को निलंबित करने के लिए सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल को नोटशीट लिखी और संचालक को निलंबित करने के लिए कहा।
विभागीय सूत्रों की माने तो मंत्री के अनुमोदन के बिना नई पदस्थापना करने में विभाग के कुछ आला अफसर भी शामिल हैं। ऐसे में जांच की आंच उनके तक भी पहुंच रही है। ऐसा इसलिए कि पदस्थापना आदेश जारी करने से पहले अंतिम अनुमोदन आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने किया है। लिहाजा अफसर अब नया पैंतरा चलने की तैयारी में हैं।
मंत्री की नोटशीट के बाद विभाग के अफसरों ने अब नियम बदलने की तैयारी कर ली है। विभाग के अफसर अब राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके), माध्यमिक शिक्षा मंडल (बोर्ड ऑफिस), राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (ओपन स्कूल) की पदस्थापना को प्रतिनियुक्ति नहीं मान रहे हैं। इसे एक विभाग बताकर मंत्री की नोटशीट को झूठा साबित करने की कोशिश की जा रही है। खास बात यह भी है कि डीपीआई के अफसर जब किसी मामले घिरने लगते हैं, तो अपने हिसाब से नियमों में फेरबदल भी कर लेते हैं।
भ्रष्टाचार के मामले तो सामने आए, ठोस कार्रवाई नहीं हुई
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल की गिनती मेहनती और साफ-सुथरी छवि वाले अफसर की है। जब से उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की जिमेदारी संभाली है, तब से विभाग में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं। दूसरा पहलू यह है कि गड़बड़ी के मामले तो सामने आए हैं, लेकिन किसी नतीजे तक पहुंचने वाली ठोस कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं की गई है। अब जब विभाग के मंत्री ने नोटशीट में स्पष्ट शदों में निलंबित करने के लिए लिखा है, तब भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे डीपीआई से लेकर सचिव की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूरा महीना गुजर गया, लेकिन नोटिस तक जारी नहीं किया
स्कूल शिक्षा मंत्री ने संबंधित संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को तीन फरवरी 2025 को नोटशीट लिखी थी। नोटशीट में मंत्री की ओर से संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सात दिन की समय-सीमा तय की गई थी।
मंत्री ने लिखा था, संबंधित के खिलाफ विभागीय जांच करने के लिए कारण बताओ सूचना पत्र दिया जाए। विभागीय जांच के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। यह नोटशीट लिखे हुए तकरीबन एक महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने अब तक संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की है। विभाग के अफसरों ने मंत्री की नोटशीट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।