MP News: मध्यप्रदेश के स्कूलों में अब साठ छात्रों पर होंगे दो शिक्षक, 4 पीरियड जरूरी

स्कूल शिक्षा विभाग का प्रदेश के 80 हजार स्कूलों के लिए नया सेटअप, नामांकन की गणना 31 जनवरी की स्थिति में होगी

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भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सीएम राइज समेत अस्सी हजार स्कूलों के लिए नया सेटअप जारी कर दिया है। नई व्यवस्था के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 60 विद्यार्थियों पर दो शिक्षक रहेंगे। प्रत्येक शिक्षक को न्यूनतम चार और अधिकतम छह पीरियड लेने होंगे। स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की कमी अथवा वृद्धि के आधार पर 31 जनवरी की स्थिति में हर साल समीक्षा की जाएगी। इसके बाद जरूरत पड़ने पर आयुक्त लोक शिक्षण पदों का युक्तियुक्तकरण कर सकेंगे।


स्कूल शिक्षा विभाग स्कूलों के लिए नई व्यवस्था बनाने जा रहा है। नया आदेश चार माह पुराना है, लेकिन इसे सार्वजनिक अब किया गया है। पूर्व में विभाग की अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग मौखिक आधार पर चल रही थी। नए सेटअप के अनुसार पहली से पांचवीं तक न्यूनतम दो शिक्षक होंगे। माध्यमिक स्तर की शाला (6वीं से 8वीं) में न्यूनतम तीन शिक्षक विषयवार होंगे। माध्यमिक स्तर की शाला (पहली से आठवीं तक) में न्यूनतम पांच शिक्षक होंगे। इसमें छात्र नामांकन के आधार पर शिक्षक की बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। हाईस्कूल स्तर की शाला (9वीं-10वीं व 6वीं से 10वीं तक) में न्यूनतम 6 विषयवार तथा नामांकन के आधार पर अतिरित शिक्षक दिए जाएंगे।


हाईस्कूल की शाला (पहली से 10वीं तक) में न्यूनतम आठ शिक्षक होंगे। विद्यार्थियों के नामांकनके आधार पर शिक्षक ज्यादा हो सकेंगे। हायर सेकेंडरी स्कूलों (9वीं से 12वीं, 6वीं से 12वीं व पहली से 12वीं तक) में अतिरिक्त संकाय या नामांकन के आधार पर शिक्षक दिए जाएंगे। उप सचिव प्रमोद सिंह द्वारा जारी आदेश में साफ किया गया है कि सीएम राइज स्कूलों में पूर्व में (13 जून 2023 को जारीआदेश) पदों का निर्धारण किया है। स्कूलों में नामांकन वृद्धि की स्थिति अथवा नवीन सीएम राइज स्कूल स्थापित होने अथवा भविष्य में शाला उन्नयन की स्थिति में विभाग के पास उपलब्ध अतिरिक्त पदों को नए पदों में परिवर्तित किया जा सकेगा।


माध्यमिक स्तर के स्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक
माध्यमिक स्तर के स्कूलों में न्यूनतम तीन शिक्षक (प्रत्येक कक्षा के लिए एक) होंगे। 35 बच्चों पर न्यूनतम एक शिक्षक रहेंगे। छात्र शिक्षक अनुपात के अनुसार शिक्षकों की विषयवार संख्या में प्रथम तीन शिक्षक विज्ञान एवं गणित के साथ अंग्रेजी (भाषा) व सामाजिक विज्ञान के रहेंगे। छात्र-शिक्षक अनुपात 105 से अधिक होने पर अनुपात 35:1 के आधार पर शिक्षकों की संख्या अधिक होने पर भाषा (संस्कृत/उर्दू) विज्ञान (जीव विज्ञान) व सामाजिक विज्ञान (हिंदी विषयसहित सामाजिक विज्ञान) के रहेंगे। यदि छात्र-शिक्षक अनुपात अनुसार शिक्षकों की संख्या 6 से अधिक हो, तो शिक्षक पद की पूर्ति के लिए उपरोक्त क्रम की पुनरावृत्ति होगी।


ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूलों में पीटीआई का होगा एक पद
6वीं से कक्षा 10वीं तक की कक्षाओं के लिए छात्र संख्या बढ़ने पर (35 से अधिक होने पर) एक अतिरित वर्ग में माध्यमिक शिक्षक गणित का रहेगा। दो अतिरिक्त वर्ग होने पर दूसरा पद अंग्रेजी, तीन अतिरिक्त वर्ग पर तीसरा पद विज्ञान (रसायन) का रहेगा। चार अतिरिक्त वर्ग होने पर चौथा पद हिंदी, पांच अतिरिक्त वर्ग होने पर पांचवां पद सामाजिक विज्ञान (भूगोल/अर्थशास्त्र), छह अतिरिक्त वर्ग होने पर छटा पद संस्कृत/उर्दू यथा स्थिति रहेगा। हाईस्कूलों में न्यूनतम आठ शिक्षक रहेंगे। नामांकन के आधार पर शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पहलीं से दसवीं तक 415 से अधिक बच्चे होने पर विद्यालयों में पीटीआई का एक पद स्वीकृत किया जाएगा।


 हायर सेकेंडरी स्कूलों में व्याख्याता व उच्च माध्यमिक शिक्षक के विषयवार एक-एक पद रहेंगे। सिर्फ प्रयोगशाला के लिए प्राथमिक शिक्षक के तीन पद रखे गए हैं। भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत/उर्दू), विज्ञान (भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित), कला (इतिहास, राजनीति शास्त्र, भूगोल/अर्थशास्त्र), वाणिज्य संकाय, कृषि संकाय, गृह विज्ञान संकाय का पद रहेगा। भौतिक शास्त्र/ रसायन शास्त्र/राजनीति शास्त्र/भूगोल विषय के लेक्चर अथवा यूडीटी में से कक्षा 9वीं एवं 10वीं में भी पढ़ाएंगे।


नए नियम में स्पष्टता नहीं होने से संरचना में गफलत की स्थिति
पहलीं से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों में 60 विद्यार्थियों तक दो शिक्षक रहेंगे। 61 से 90 तक तीन शिक्षक रहेंगे, लेकिन तीन शिक्षक 75 से अधिक छात्र संख्या पर दिए जाएंगे। 91 से 120 विद्यार्थियों तक चार शिक्षक रहेंगे। चार शिक्षक 105 से अधिक विद्यार्थियों के होने पर दिए जाएंगे। 121 से 200 विद्यार्थियों तक पांच शिक्षक होंगे। यह शिक्षक 135 से अधिक विद्यार्थी होने पर दिए जाएंगे। 150 से अधिक विद्यार्थी होने पर पांच शिक्षक और एक प्राधानाध्यपक रहेंगे। 200 से अधिक विद्यार्थी होने पर 40 छात्र पर एक शिक्षक के अनुपात (प्रधानाध्यापक को छोड़कर) में तैनात किए जाएंगे। 


खास बात यह कि विभाग के नए आदेश में स्पष्टता नहीं है। उक्त पद संरचना में विभाग एक तरफ 60 विद्यार्थियों पर दो शिक्षकों की नियुक्ति कर रहा है और यह भी कह रहा कि 75 विद्यार्थियों से कम होने पर दो शिक्षक नियुक्त होंगे। इससे पद संरचना में गफलत की स्थिति बनी हुई है।