MP News: एमपी में इलेक्ट्रिक दोपहिया की खरीदी पर 10 हजार और ई-कार के लिए मिलेगा 50 हजार इंसेंटिव

व्हीकल टैक्स व रजिस्ट्रेशन शुल्क भी नहीं लगेगा, मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 का ड्राफ्ट जारी

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डीजल वाहनों से वसूलेंगे दस पैसे प्रति लीटर प्रदूषण सेस, 25 लाख से महंगे वाहनों का रोड टैक्स भी बढ़ेगा

भोपाल। प्रदेश में इलेट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए डीजल गाड़ियों से दस पैसे प्रति लीटर प्रदूषण सेस वसूला जाएगा। साथ में 25 लाख से अधिक मूल्य के पेट्रोल और डीजल वाहनों के रोड टैक्स में भी बढ़ोतरी की जाएगी। मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव किए गए हैं।


नगरीय विकास एवं आवास विभाग की वेबसाइट पर जारी मसौदे में दोपहिया वाहन खरीदने पर दस हजार और ई-कार के लिए 50 हजार रुपए इंसेंटिव देने की बात कही गई है। इनका व्हीकल टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी नहीं लगेगा। पार्किंग एक साल के लिए मुफ्त रहेगी। 


खास बात यह भी रहेगी कि ई-दोपहिया वाहन स्क्रेप करने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। विभाग ने ड्राफ्ट पर आम लोगों से एक हफ्ते में आपत्ति और सुझाव मांगे हैं। नीति अगले पांच साल को ध्यान में रख कर बनाई गई है। यहां बता दें कि मप्र की ई-व्हीकल पॉलिसी 2019 में बनी थी। अब इसमें बदलाव कर नई नीति का मसौदा तैयार किया गया है। 


ड्राफ्ट में केंद्र की ओर से लागू की गई वाहनों की स्क्रेप पॉलिसी के प्रावधानों को भी शामिल किया गया है। एक ही बार मिलेगा इंसेंटिव इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ऑनलाइन पोर्टल ईवी तरंग तैयार किया जा रहा है। इस पर ई वाहनों के लिए मिलने वाले सभी इंसेंटिव, परंपरागत वाहनों से तुलना और ससिडी लेने का मार्गदर्शन उपलब्ध रहेगा। 


वाहनों पर इंसेंटिव केवल एक बार मिलेगा। एक ही व्यक्ति दूसरे सेगमेंट का ई-वाहन खरीदने पर इसके लिए दावा नहीं कर सकेगा। इसके अलावा ई-व्हीकल निर्माताओं के सहयोग से लोगों को ऐसे वाहनों की टेस्ट राइड उपलध कराई जाएगी। बढ़ावा देने बोर्ड भी बनेगा मप्र इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रमोशन बोर्ड भी बनाया जाएगा। इसके अध्यक्ष नगरीय विकास मंत्री रहेंगे।


 विभाग के प्रमुख सचिव बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी, वित्त और परिवहन मंत्री सहित दस सदस्य होंगे। इसके अलावा शहरी कार्य मंत्रालय, भारतीय मानक यूरो, भारी उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि भी बोर्ड में रहेंगे। नगरीय प्रशासन कमिश्नर बोर्ड के सदस्य संयोजक होंगे।


ऐसे मिलेगी सब्सिडी

  • इलेट्रिक साइकिल की खरीदी पर पांच हजार रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी, यह शुरुआती 30 हजार ईवी खरीदने पर ही दी जाएगी।
  • पार्किंग एक साल के लिए मुफ्त होगी।
  • ई-दोपहिया वाहन खरीदने पर दस हजार रुपए, यह पहले एक लाख वाहनों की खरीदी पर ही मिलेगी।
  • व्हीकल टैस और पंजीयन शुल्क में 100 फीसदी छूट, पार्किंग एक साल के लिए मुफ्त। प्रत्येक वाहन स्क्रेप करने पर पांच हजार रुपए इंसेंटिव भी मिलेगा।
  • तिपहिया ई-वाहन के लिए 20 हजार रुपए की सब्सिडी, शुरुआती 15 हजार वाहन खरीदारों को दी जाएगी।
  • प्रत्येक ई कार की खरीदी पर 50 हजार रुपए, यह अधिकतम दस हजार वाहनों के लिए मिलेगी, व्हीकल टैक्स व पंजीयन शुल्क में 100 फीसदी छूट, पार्किंग एक साल के लिए मुफ्त।


भोपाल सहित पांच शहरों को बनाएंगे मॉडल ईवी सिटी
प्रस्तावित पॉलिसी का उद्देश्य भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को मॉडल ईवी शहरों के तौर पर विकसित करना है। इनमें आम के साथ ही पलिक ट्रांसपोर्ट में ज्यादा से ज्यादा इलेट्रिक वाहन चलाने का टारगेट रहेगा। नीति के मुताबिक इलेक्ट्रिक ऑटो, रिक्शा को शहर के चुनिंदा क्षेत्रों या बड़े शहरों के बाहर चलाने की अनुमति मिलेगी ताकि जाम की स्थिति न बने। परिवहन विभाग ई-वाहनों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करेगा।


पांच साल के लिए तय किया गया टारगेट

  • नई रहवासी समितियों को उनकी कॉलोनी में 20 फीसदी पार्किंग स्पेस ई वाहनों के मालिकों के लिए आरक्षित रखना होगी, यह जगह खाली होने पर भी दूसरे वाहनों को वहां पार्क करने की अनुमति नहीं होगी।
  • सड़क किनारे की पार्किंग व्यवस्था में 25 प्रतिशत स्थान ई वाहनों के लिए रखना होगा।
  • कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी दफ्तरों में पार्किंग क्षमता का 25 फीसदी ईवी के
  • लिए रिजर्व रखना होगा, यह मौजूदा और नए संस्थानों पर समान तौर से लागू होगा।
  • नए रजिस्टर्ड होने वाले दोपहिया वाहनों में से 40 फीसदी इलेक्ट्रिक हो। 
  • तिपहिया वाहनों के लिए 70 फीसदी रजिस्ट्रेशन ई व्हीकल का।
  • पांच साल में जो चारपहिया वाहन रजिस्टर्ड होंगे, उनमें से 15 इलेक्ट्रिक रहें।
  • राज्य सरकार के सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक में तब्दील करना, इसमें सरकारी एंबुलेंस भी शामिल।