MP News: भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में रहेंगे पड़ोस के 5 जिले, एक साल में सामने आएगी प्लानिंग
12,099 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल, सीएम की मौजूदगी में मैप की हुई लॉन्चिंग
भोपाल। इंदौर के बाद भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया की तस्वीर सामने आ गई है। इसमें भोपाल के साथ ही पड़ोस के पांच जिले रायसेन, विदिशा, राजगढ़, सीहोर और नर्मदापुरम शामिल रहेंगे। महानगरीय क्षेत्र में कुल 12 नगरीय निकाय और 30 तहसीलें रहेंगी। इस एरिया में लगभग 2524 ग्राम, कुल 12,099 वर्ग किलोमीटर के साथ सम्मिलित होंगे। इस एरिया की विस्तृत प्लानिंग में लगभग एक साल का समय लगेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया का मैप लॉन्च किया गया। इसके लिए महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की पहल की गई है। मंडीदीप सहित गोंविदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, भोपाल आईटी पार्क, सीहोर जिले का आष्टा एग्रो प्रोसेसिंग और नर्मदापुरम जिले का मोहासा इंडस्ट्रियल एरिया भी महानगर क्षेत्र में शामिल रहेगा। इससे लगभग 10 लाख नए रोजगार उत्पन्न होंगे। यहां बता दें कि मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 विधानसभा में पारित हो चुका है।
सेप्ट यूनिवर्सिटी को जिम्मा, कई लेयर पर बनेगी योजना
मेट्रोपॉलिटन एरिया की प्लानिंग का जिम्मा राज्य शासन ने भोपाल विकास प्राधिकरण को दिया है। प्राधिकरण इसके लिए निजी कंसलटेंट सेप्ट यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद का चयन कर चुका है।
अब कंसलटेंट महानगरीय क्षेत्र में शामिल शहरों व नगरों की अलग-अलग लेयर में योजना बनाएगा। इसके लिए आर्थिक, औद्योगिक, भौगोलिक परिस्थितियों, जनसंख्या और इसके मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य जरूरतों का अध्ययन कर आगे बढ़ेगा।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्यामवीर सिंह के मुताबिक योजना तैयार होने में एक साल का समय लग सकता है। यहां बता दें कि सेप्ट यूनिवर्सिटी भोपाल के बड़े तालाब का मास्टर प्लान भी बना चुकी है।
मेट्रोपॉलिटन एरिया से आर्थिक विकास पकड़ेगा रफ्तार
मेट्रो के विस्तार और बेहतर सड़क और रेल संपर्क से राज्य और देश के अन्य शहरों तक आसान पहुंच होगी। पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। भोपाल महानगरीय क्षेत्र का विकास योजनाबद्ध, समन्वित और भविष्य के अनुरूप हो सकेगा।
यह परियोजना राज्य को भारत के अग्रणी आर्थिक विकास क्षेत्रों में शामिल करने में मददगार साबित होगी। अधोसंरचना को सशक्त कर मेट्रोपॉलिटन एरिया के कस्बों, नगरों के परस्पर संपर्क में बढ़ोत्तरी होगी। आर्थिक प्रगति और समग्र विकास की दृष्टि से मेट्रोपोलिटन एरिया का फायदा लोगों को मिलेगा।