MP News: डिप्टी सीएम बोले- जल वितरण प्रणाली को लीकेज प्रूफ बनाएं; रीवा के हर घर में शुद्ध पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करें
इजराइल के प्रतिनिधि मंडल से उपमुख्यमंत्री ने किया विमर्श- भविष्य आधारित, पर्यावरण अनुसंगत योजना का करें निर्माण
![Rewa](https://livegoodmorning.com/static/c1e/client/102392/uploaded/badd99b897336ad8e3fda13e979578fd.jpg)
भोपाल। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि जल प्रबंधन के लिए इजरायल का नाम विश्व में विख्यात है। उनके अनुभव, प्रयासों और सुझावों से रीवा नगर निगम क्षेत्र में बेहतर जल प्रबंधन किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि योजना का निर्माण भविष्य की आवश्यकताओं और मांग को ध्यान में रखकर किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि रीवा शहर में जल वितरण प्रणाली को लीकेज प्रूफ बनाने के साथ हर घर में शुद्ध जल पहुँचना सुनिश्चित करना है।
जल संग्रहण के साथ जल का संवर्धन भी भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक है। जल को उपचारित कर पुन: प्रयोग करना समय की मांग है और पर्यावरण अनुसंगत है। इसे ध्यान में रखते हुए योजना का निर्माण किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने चार इमली स्थित निवास कार्यालय में नगर निगम रीवा में वाटर सप्लाई सुविधा के विस्तार, प्रबंधन और सशक्तीकरण के लिए इजराइल के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की।
इज़राइल के प्रतिनिधि मंडल ने अनुभव किए साझा
इजरायल प्रतिनिधि मंडल ने बेहतर जल प्रबंधन और वितरण नेटवर्क सुदृढ़ीकरण पर अपने अनुभव को साझा किया। जल संसाधन प्रबंधन के लिए कृत्रिम और प्राकृतिक सोर्स का चिन्हांकन किया जाना महत्वपूर्ण है। कृत्रिम स्तंभों में अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग शामिल है।
प्राकृतिक स्तंभों में वर्षा जल संग्रहण, भूजल पुनर्भरण, झील व भूजल निगरानी, और बाढ़ जल संग्रहण शामिल हैं। प्रभावी प्रबंधन के लिए संरक्षण और पुन:प्राप्ति सुनिश्चित कर जल संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है। इजराइल प्रतिनिधि मंडल में वॉटर अटैशे नोआ अमसालेम, वरिष्ठ जल संसाधन विशेषज्ञ नीरज गहलावत शामिल थे।
भारत में इज़राइल वॉटर अटैशे दोनों देशों के बीच जल संसाधन प्रबंधन, तकनीकी सहयोग और अनुसंधान में साझेदारी को मजबूत करने का कार्य करते हैं। जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और कुशल सिंचाई तकनीकों जैसे क्षेत्रों में तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं।
इसके साथ ही, जल सुरक्षा, जल प्रदूषण नियंत्रण और नीति निर्माण में सहयोग प्रदान करते हैं। वॉटर अटैशे शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के बीच संयुक्त परियोजनाओं को प्रोत्साहित करते हैं और जल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान विकसित करने में मदद करते हैं।
2 वर्ष में रीवा में 15 हज़ार नल कनेक्शन, 450 किमी वितरण नेटवर्क होगा तैयार
नगर निगम रीवा में तकनीकी सलाहकार यूएडीडी सतीश कुमार राव ने रीवा में अब तक किए गए कार्य, प्रस्तावित योजना की जानकारी दी। रीवा शहर में वर्तमान में 550 किमी वितरण नेटवर्क से 45 हजार परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं। 23 मिलियन किली की भंडारण क्षमता है। 58 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
अमृत 2.0 परियोजना में 2026 तक 37 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 18.7 मिलियन किली भंडारण क्षमता 450 किमी वितरण नेटवर्क और 15 हज़ार नए जल कनेक्शन दिया जाना प्रस्तावित है। साथ ही पुरानी नेटवर्क प्रणाली को रिपेयर करना कार्ययोजना का प्रमुख अंग है।
रीवा में 24&7 वॉटर सप्लाई सुनिश्चित करने के लक्ष्य पर योजना का निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए जल के जि़म्मेदारी पूर्ण उपयोग के लिए जन-जागरुकता अभियान को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।