MP News: मध्यप्रदेश के बैरागढ़ कलां में गुड़गांव की तर्ज पर बनेगी साइबर सिटी, जेम्स-ज्वेलरी पार्क भी
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन कर रहा 29 हेक्टेयर में आकार देने की तैयारी
भोपाल। हरियाणा के गुरुग्राम की तर्ज पर राजधानी में भी साइबर सिटी बनाई जाएगी। इसे सीहोर रोड पर बैरागढ़ कलां में 29.132 हेक्टेयर क्षेत्र में आकार दिया जाएगा। देश-विदेश की बड़ी आईटी कंपनियों की जरूरतों को ध्यान मेंं रखते हुए यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस औद्योगिक क्षेत्र मेंं आईटी पार्क बनाया जाएगा। गुजरात के सूरत और पश्चिम बंगाल के हावड़ा की तरह जेेम्स एंड ज्वेलरी पार्क भी यहां डेवलप करने की योजना है।
इन प्रोजेक्ट्स से प्रदेश मेंं न केवल हजारों करोड़ का निवेश आएगा, बल्कि बड़ी संख्या मेंं स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इसकी तैयारी कर रहा है। फिलहाल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है। कॉर्पोरेशन ने शुरुआती तौर पर इस योजना को पूरा करने के लिए दिसंबर, 2028 तक का लक्ष्य रखा है।
कॉर्पोरेशन इसके साथ ही भोपाल जिले में रेडीमेड गारमेंट कॉम्पलेक्स विकसित करने की तैयारी कर रहा है। यह सतगढ़ी में 69.60 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती स्टेज में है। डीपीआर बना कर लागत आदि का अनुमान लगाया जा रहा है। एमपीआईडीसी ने रेडीमेड गारमेंट कॉम्पलेक्स की योजना को भी आकार देने के लिए दिसंबर, 2028 की समय सीमा तय की है।
बैरसिया में आएगा 1500 करोड़ निवेश
भोपाल में अभी अचारपुरा और बगरोदा में औद्योगिक क्षेत्र हैं। पास में मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया है। अब राजधानी के पास एक और औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। शहर से सटे बैरसिया में उद्योगों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं विकसित की जा रही है।
कॉर्पोरेशन 33.61 हेक्टेयर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल एरिया बना रहा है। इस पर 30.92 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह बहुउद्देशीय औद्योगिक क्षेत्र होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस एरिया में 1500 करोड़ रुपए का निवेश आएगा और उद्योगों से तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
5959 करोड़ से बनेंगी टाउनशिप
प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। पीथमपुर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और जबलपुर में टेसटाइल व लॉजिस्टिक पार्क बनाने की प्लानिंग है। इन प्रोजेक्ट्स पर 5959.20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
योजनाओं के आकार लेने पर 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। स्मार्ट सिटी के बाद केंद्र सरकार ने ग्रीनफील्ड सिटी चैलेंज लॉन्च किया है। इसके तहत शहर का उस हिस्से में विस्तार व विकास किया जाना है, जहां हरियाली व खेत हों। खास बात यह है कि इस योजना में देश में केवल ८ शहरों का चयन किया जाना है।
एक-एक हजार करोड़ केंद्र से मिलेंगे, बाकी खुद जुटाएंगे
जबलपुर टेक्सटाइल एंड लॉजिस्टिक्स क्लस्टर विकसित करने पर 3727.16 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। निजी निवेश के जरिए इसमें से 1743.39 करोड़ रुपए जुटाने की प्लानिंग है। राज्य शासन 983.78 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। वहीं पीथमपुर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप की योजना 2422.23 करोड़ रुपए की है।
यहां उद्योगों, व्यवसाय, स्कूल, हॉस्पिटल्स व होटलों के लिए लैंड पार्सल विकसित कर लीज पर दिए जाएंगे। इससे 1357.62 करोड़ रुपए मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से प्रोजेक्ट किए जाएंगे। यह 123.79 करोड़ रुपए का रेवेन्यू देंगे। वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत केंद्र सरकार दोनों प्रोजेक्ट के लिए एक-एक हजार करोड़ रुपए मुहैया कराएगी।
1268 हेटेयर में आकार लेगी टाउनशिप
पीथमपुर में सेटर 7 का चयन स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने के लिए किया गया है। इसे 1268 हेक्टेयर भूमि पर आकार दिया जाएगा। इसमें 863.06 हेक्टेयर पर औद्योगिक और 405 हेक्टेयर आवासीय विकास किया जाएगा। राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को सौंपा है। योजना के लिए कु गांवों का विस्थापन करना होगा।
बताया जा रहा है इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पीथमपुर में औद्योगिक, आवासीय के साथ ही रिक्रिएशनल व ग्रीन जोन, व्यवसायिक और सुविधाएं व सेवाएं विकसित की जाएंगी। वहीं जबलपुर स्मार्ट सिटी को टेसटाइल एंड लॉजिस्टिक क्लस्टर विकसित करने का कार्य दिया गया है। इसके लिए 332 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। सरकारी जमीन 123 हेक्टेयर और निजी भूमि 209 हेक्टेयर रहेगी। यहां सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, उद्योग व लॉजिस्टिस की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।