MP News: मध्यप्रदेश में जहां अमिताभ बच्चन को नहीं मिली अनुमति वहां बन रहा आला अफसरों का सेंट्रल पार्क

छापे की कार्रवाई खत्म होने पर शर्मा ने जमकर मनाया जश्न, एक पार्टनर दक्षिण अफ्रीका भागा, सौरभ को मंत्री के दबाव में नियम विरुद्ध मिली थी अनुकंपा नियुक्ति

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परमिशन में भी आला अफसरों की मदद से खेल, राजेश शर्मा की पार्टनरशिप में कर रहे प्रोजेक्ट

भोपाल। राजधानी में जमीनों के कारोबार व अनुमतियों में एक और बड़ा खेल सामने आया है। सदी के महानायक व बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन को बड़ा तालाब के पास लो डेंसिटी एरिया बताते हुए जिस जगह निर्माण की अनुमति नहीं दी गई थी, उससे लग कर ही अफसरों के प्रोजेक्ट सेंट्रल पार्क को सरकार से हरी झंडी मिल गई। खनन कारोबारी राजेश शर्मा, पार्टनर्शिप में यह प्रोजेक्ट कर रहा है। सेवनिया गोंड में यह प्रोजेक्ट किया जा रहा है। यह लो डेंसिटी एरिया में आता है।

 


 यहां काफी कम निर्माण किया जा सकता है। इसके प्रमोटर का पता बी-11, कस्तूरबा नगर, चेतक ब्रिज के पास है। यहीं सेवानिवृत्त अफसर का करीबी और खनन कारोबारी राजेश शर्मा का निवास है। प्रोजेक्ट को रेरा से अगस्त-22 में परमिशन मिली थी। तीन साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 


प्रदेश के एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी के करीबी व खनन कारोबारी राजेश शर्मा के यहां रविवार को देर रात आयकर की छापे की कार्रवाई पूरी हो गई। टीम के वहां से जाने के बाद शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ घर के सामने जमकर जश्न मनाया। कई गाड़ियों में उसके दोस्त और पार्टनर मौजूद रहे। 


अब जानकारी मिली है कि शर्मा का एक खास सहयोगी व रायपुर का व्यवसायी महेंद्र गोयनका देश छोड़ कर भाग गया है। उसके दक्षिण अफ्रीका में होने की बात कही जा रही है। राजेश शर्मा, ईशान बिल्डर और क्वालिटी ग्रुप के 49 ठिकानों पर इनकम टैक्स ने 18 दिसंबर से छापामार कार्रवाई शुरू की थी। इसमें शर्मा का कस्तूरबा नगर स्थित घर भी शामिल था। 


बताया जा रहा है कि आईटी की कार्रवाई शर्मा के कई ठिकानों पर रविवार को देर रात खत्म हो गई। पांच दिन तक आयकर और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में राजेश शर्मा और उसके परिवार को रहना पड़ा। आयकर की कार्रवाई पूरी होते ही यानी कैद से निकलते ही शर्मा ने घर के सामने साथियों के साथ रात में ही जमकर जश्न मनाया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस दौरान कई गाड़ियां वहां आती रहीं और लोग जश्न में शामिल होते गए।


सहारा मामले से सुर्खियों में आया गोयनका पत्नी समेत गायब, सोमाली लैंड में भी बिजनेस
मध्यप्रदेश के जबलपुर और कटनी में माइनिंग का कारोबार करने वाले रायपुर के कारोबारी महेंद्र कुमार गोयनका का नाम भोपाल के सहारा एस्टेट में 300 करोड़ की जमीन खरीदी के मामले से सुर्खियों में आया। भोपाल में छापों की भनक लगते ही अगले दिन उसका रायपुर स्थित दफ्तर बंद हो गया। 


बताया जा रहा है कि इसके बाद वह पत्नी वीनू गोयनका के साथ विदेश चला गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही महेंद्र गोयनका दक्षिण अफ्रीका के महाद्वीप सोमाली लैंड पहुंच गया है। उसका खदानों का कारोबार सोमाली लैंड में भी फैला है। उल्लेखनीय है कि निसर्ग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का निर्देशक महेंद्र गोयनका रायपुर का रहने वाला है।


भाई पहले से सरकारी नौकरी में, फिर भी सौरभ को मिली अनुकंपा
परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के बड़े खिलाड़ी पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे। उनकी जगह उसे परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी गई। इसमें सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन किया गया। पहला, उसके पिता दूसरे विभाग में पदस्थ थे, फिर उसे परिवहन में कैसे नियुिक्त दे दी गई। नियमानुसार पिता जिस विभाग में थे, उसे वहीं रखा जाना था। 


दूसरा अहम कारण यह है कि सौरभ का भाई पहले से छत्तीसगढ़ सरकार में ट्रेजरी ऑफिसर था।  नियमानुसार परिवार के किसी सदस्य के सरकारी नौकरी में होने पर अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता खत्म हो जाती है। इस नियम को भी ताक पर रख कर सौरभ को नियुक्ति दे दी गई। बताया जा रहा है कि तब एक मंत्री के दबाव में तत्कालीन परिवहन मंत्री को ऐसा करना पड़ा था।


छह कंपनियों में डायरेक्टर है गोयनका
महेंद्र गोयनका वर्तमान में 6 कंपनियों से जुड़ा है। इसमें तिरुपति जेस प्राइवेट लिमिटेड, जेडपी ओर्स, रेनेसां माइनिंग एंड मिनरल, निसर्ग इंटरनेशनल और निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है। बताया जा रहा है कि गोयनका इससे पहले 18 कंपनियों से जुड़ा था।

इसमें मां संलेश्वरी स्टील्स, अतीशा कंस्ट्रशन, आरबीएम फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, जियोमिन इंडस्ट्रीज, सीव मिनरल्स, टेंडेम माइनिंग, यूरो प्रतीक इस्पात, रोशनी स्टील एंड पावर, सिना स्टील्स, एमआरए ग्लोबल, गीतांजलि इस्पात एंड पॉवर्स, स्वास्तिक बिल्डमैट (इंडिया), यूरो प्रतीक इस्पात (इंडिया), निरनिधि मार्केटिंग आदि शामिल हैं।


दो मौजूदा और एक पूर्व मंत्री से रहे खास रिश्ते
मामूली आरक्षक से करोड़पति या अरबपति बनने तक का सफर तय करने वाले सौरभ शर्मा को नेताओं का भरपूर साथ और आशीर्वाद मिला। तीन मंत्रियों ने उसे हर तरह का सहयोग दिया। इसमें से दो अब भी मंत्री हैं। नतीजा वह विभाग का सबसे ताकतवर आदमी बन गया। ट्रांसफर, पोस्टिंग करने लगा और उसके पास कलेक्शन  का पैसा उसके पास आने लगा।