MP News: रीवा सहित 6 मेडिकल कॉलेजों को मिलने जा रही बड़ी सौगात, आएंगी एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें
पहली बार मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी स्टूडेंट्स करेंगे इन मशीनों का संचालन
भोपाल। प्रदेश के 250 एमबीबीएस सीट वाले मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन खरीदने की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। 180 करोड़ रुपए से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेजों के लिए मशीनों की खरीदी जा रही है। पहली बार इन मशीनों का संचालन मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी स्टूडेंट्स करेंगे। जुलाई के अंतिम सप्ताह तक खरीदी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अभी सीटी स्कैन और एमआरआई सुविधा निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के तहत मिलती थी। इन मशीनों के आने से सामान्य मरीजों को भी रियायती दरों पर जांच की सुविधा मिलेगी।
अभी प्राइवेट अस्पतालों में एमआरआई जांच 15 से 20 हजार रुपए, जबकि सीटी स्कैन 4 हजार रुपए तक में होती है। सूत्रों के अनुसार नई मशीनों से जांच 800 से 1800 रुपए में होगी। सरकारी मशीन होने से जांच दर सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) पर होगी। एमआरआई 1,800 रुपए और सीटी स्कैन 800 रुपए के आसपास होगी। हालांकि, अभी इसकी दरें तय नहीं हुई है।
एनएमसी ने दिए मशीनें लगाने के निर्देश
दरअसल, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने विद्यार्थियों को पढ़ाई के उद्देश्य से खुद की सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन लगाने के लिए कहा है। अभी मशीन निजी निवेशक की होती है, इसलिए एमबीबीएस और एमडी-एमएस के विद्यार्थियों को सीखने का पर्याप्त मौका नहीं मिल पाता है। सरकार मशीन लगा रही है, तो दोनों सुविधाओं की निरंतरता भी बनी रहेगी। मशीनें आने के बाद इंस्टॉलेशन में लगभग चार महीने लग जाएंगे, तब तक पीपीपी मोड से मशीनों का संचालन होता रहेगा।
इसी महीने टेंडर खुल रहा
23 जुलाई को टेंडर खुल रहा व है। अच्छी बात यह है कि यह मशीनें पीपीपी टीमोड पर संचालित नहीं ए की जाएंगी, बल्कि मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी स्टूडेंट्स इनका संचालन करेंगे। फिलहाल रेट तय नहीं हुए हैं कि जांच में कितने रुपए लगेंगे।
- डॉ पंकज जैन, पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन मप्र