AIIMS Bhopal: सावधान! एम्स में बंट रही फर्जी नौकरियां, फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर लेकर पहुंच रहे युवा

2 दिन में आए 2 मामले, डॉक्टर की ड्रेस में पकड़ाया आरोपी

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल में फर्जी अपाइंटमेंट से नौकरी बटने का मामला सामने आया। लगातार दो दिन में दो मामले सामने आए हैं। एक मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया है जबकि दूसरे मामले में आरोपी की तलाश जारी है। वहीं एम्स ने दोनों मामलों को पुलिस से शिकायत कर दी है। एम्स भोपाल में फर्जी नौकरी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां फर्जी नौकरी का मामला सामने आ चुका है। ज्यादातर मामलों में समानता यह है कि आरोपी एम्स परिसर का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए करते हैं। जिसमें वह खुद को एम्स का वरिष्ठ अधिकारी या डॉक्टर बताकर लोगों को अपने झांसे में लेते हैं।


डॉक्टर की वेशभूषा से जालसाज ने लिया युवक को झांसे में
15 जुलाई को जो मामले सामने आया। उसमें भोपाल का छोला मंदिर निवासी युवक दीपेश श्रीवास्तव एम्स के काउंटर पर पहुंचा और एक अपाइंटमेंट लेटर दिखाया। इस लेटर में उसे एम्स में लैब टेक्नीशियन के पद पर ज्वाइनिंग दी गई थी। लेटर देखते ही स्टाफ ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और कुछ ही देर में मामला खुल गया। दीपेश ने एम्स सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि कुछ दिन पहले उसे एक चिकित्सक मिला था, जिसने एम्स में लैब टेक्नीशियन के पद पर नौकरी देने के बदले दस हजार रुपए नकद लिए।

दीपेश की कहानी सुनने के सुरक्षा अधिकारी दीपेश से चिकित्सक का हुलिया पूछा तो एक फोटो दीपेश ने अपने मोबाइल से दे दिया। इस फोटो को सुरक्षा अधिकारियों ने एम्स की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षाकर्मियों तक पहुंचा दिया। रात साढ़े आठ बजे एम्स कैंपस में बने करणाधान आश्रम से विजय मोहन मिश्रा नाम का पकड़ में आ गया। जिसके पास से एप्रिन, नकली सील और कुछ कागज मिले आरोपी ने दीपेश को चिकित्सक की ड्रेस पहनकर अपने झांसे में लिया था।

अप्वाइंटमेंट लेटर लेकर पहुंचा अस्पताल  
14 जुलाई को एम्स के प्रशासनिक भवन में एक युवक में उत्तर प्रदेश की हाजिर होता है, नाम विनीत कुमार चतुर्वेदी अपने पास से फिर एक पत्र एम्स के उप निदेशक को पकड़ाता है और बोलता है कि मुझे यहां ज्वाइन करना है। युवक द्वारा दिया गया पत्र अपाइंटमेंट लेटर है जो कुछ देर की जांच पड़ताल में पाया जाता है। युवक से पूछताछ होती है यह बताता है कऑनलाइन उसे एम्स में नौकरी का ऑफर मिला। उसके एक बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपए भी जमा कराए और यह अपाइंटमेंट लेटर प्राप्त हुआ। एम्स प्रबंधन ने विनीत चतुर्वेदी को बागसेवनियां पुलिस के हवाले किया और एक शिकायती पत्र भी सौंपा। अब इस मामले में बागसेवनियां थाना प्रभारी संजय चीकने का कहना है कि युवक विनीत चतुर्वेदी कारवाई नहीं चाहता, उसने एफआईआर से मना किया है। यदि एम्स प्रशासन एफआईआर करता है तो जांच दस्तावेजों में कहीं आगे बढ़ाई जाएगी।