MP News: छात्रों की फीस रिफंड नहीं करने वाले कॉलेजों की रद्द होगी मान्यता, यूजीसी ने बनाई नई पॉलिसी

इंजीनियरिंग-मेडिकल सहित अन्य कॉलेजों पर लागू होंगे नए नियम 

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भोपाल। कॉलेजों को अब छात्रों की फीस नहीं लौटाना महंगा पड़ सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के बाद फीस रिफंड को लेकर नई पॉलिसी बनाई है। इस बार फीस रिफंड पॉलिसी 2024 को पहले की पॉलिसी के मुकाबले काफी सख्त बनाया गया है। अब अगर समय रहते किसी भी छात्र की फीस कॉलेज के द्वारा नहीं लौटाई गई, तो संबंधित कॉलेज की मान्यता तक रद्द हो सकती है। इसके साथ ही उस कॉलेज का अनुदान रोकने से लेकर डिफॉल्टर लिस्ट में डालने तक का प्रावधान तक रखा गया है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में सचिव मनीष जोशी ने इस बाबत नोटिस जारी किया है।

इस नोटिस में उन नियमों को दर्शाया गया है, जिसके तहत फीस नहीं लौटाने की स्थिति में कॉलेज की मान्यता रद्द करने की बात कही गई है। यह नियम इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य कॉलेजों पर भी लागू होंगे। यूजीसी ने कॉलेज प्रशासन पर फीस नहीं लौटाने की स्थिति में सख्त नियम बनाए है। इनमें ऑनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराने की मंजूरी वापस लेने, स्वायत्त संस्थान का दर्जा वापस लेने से लेकर उनका नाम डिफाल्टर सूची में नाम शामिल करने का प्रावधान बताया गया है। 


छात्रों को देना होगा आवेदन
जारी नोटिस के अनुसार इसके लिए छात्र या अभिभावकों को भी नियमों के तहत आवेदन करना होगा। फीस वापसी के लिए एक निर्धारित समय सीमा में ही छात्र अथवा अभिभावक को आवेदन करना होगा। बताया गया है कि यूजीसी को इस संबंध में कई छात्रों और अभिभावकों द्वारा शिकायत मिली थी, जिसके खास कारणों में अगर कोई छात्र संस्थान से अपना नाम वापस ले लेता था, तो उसे नियमों के अनुसार कालेज से फीस वापस नहीं की जा रही थी।