सुसाइड करने के 66 दिन बाद मिला ट्रांसफर, नींद की गोलियों के ओवरडोज से गयी थी जान

डिप्रेशन के कारण नर्स ने मांगा था ट्रांसफर, तनवी ने 20 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी,अब 23 फरवरी को उनका ट्रांसफर हुआ है 
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tanvi Nurse

नर्स ने सुसाइड से पहले अपने ट्रांसफर के लिए विभाग में कई अर्जियां लगाई थीं। इसके बाद भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो डिप्रेशन में आकर उसने नींद की गोलियों का ओवरडोज लेकर सुसाइड कर लिया।

नर्स तनवी दबंडे मूलत: बैतूल की रहने वाली थी। वह खोड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थी। वो डिप्रेशन में थी। परिवार भोपाल में रहता है। इसी वजह से नर्स अपना ट्रांसफर भोपाल या फिर भोपाल के आसपास के किसी अस्पताल में कराना चाहती थी। ताकि परिवार के करीब रहकर डिप्रेशन दूर कर सके।

बात दिसंबर 2022 की है। संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। उस दौरान खोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तनवी को लगातार 90-90 घंटों तक ड्यूटी करनी पड़ रही थी। इस वजह से वह काफी थकी रहती थी। 20 दिसंबर को तनवी ने सरकारी आवास में नींद की ज्यादा गोलियां खा ली थीं। ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई।

अपने खर्चे पर मांगा था ट्रांसफर

23 फरवरी की शाम स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग स्टाफ के ट्रांसफर की एक सूची जारी हुई थी। सूची में सातवें नंबर पर तनवी दबंडे का नाम है। उसने खुद के खर्चे पर अपना ट्रांसफर करवाया था। सूची के अनुसार, उसका स्थानांतरण रायसेन जिला अस्पताल में हुआ है। आदेश आने के बाद तनवी के साथ काम कर चुके स्टाफ का कहना है कि अगर ट्रांसफर के यही आदेश पहले आ गए होते तो तनवी आज हमारे बीच होती।    

ट्रांसफर की सूची भोपाल से जारी हुई

जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ तनवी दबंडे के निधन की जानकारी भोपाल में भेज दी गई थी। इसके बावजूद त्रुटि हुई है। यह ट्रांसफर की सूची भोपाल से जारी हुई है।

Transfer Nurse

तनवी को उत्कृष्ट काम के लिए कई बार मिला सम्मान

तनवी के साथ कम कर चुकी एक नर्स ने नाम और पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वो कई बार कहती थी कि यहां पर काफी अकेलापन महसूस होता है, काफी परेशान रहती हूं। वह चाहती थी कि कैसे भी उसका ट्रांसफर घर या घर के आसपास किसी जिले में हो जाए तो परेशानी काफी हद तक खत्म हो जाएगी। वह ट्रांसफर के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही थी। उसकी इच्छा पूरी तो हुई, लेकिन मौत के बाद। उसके साथ काम कर चुकी नर्सों के अनुसार वह काफी होनहार थी। उसे उत्कृष्ट काम के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया था।