भूकंप से तबाह तुर्की को भारत ने पहुंचाई मदद, NDRF की टीम और राहत सामाग्री भेजी

India Helped Turkey : तुर्किए और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए भूकंप ने तबाही मचा दी है. 7.8 तीव्रता के भूकंप के कारण अब तक 4365 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए.तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया
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भूकंप से तबाह तुर्की को भारत ने पहुंचाई मदद, NDRF की टीम और राहत सामाग्री भेजी

India Helped Turkey : तुर्किए और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए भूकंप ने तबाही मचा दी है. 7.8 तीव्रता के भूकंप के कारण अब तक 4365 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए.तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. भारत ने तुर्किए को भूकंप राहत सामग्री की खेप भेजी है, भारत द्वारा भेजी गई राहत सामग्री में डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़े सामान, पुरुष और महिला दोनों कर्मी समेत अन्य कई महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं.

तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप और उससे हुए भारी नुकसान को देखते हुए भारत मदद के लिए आगे आया है. हालांकि भारत और तुर्की के बीच दशकों से संबंध सामान्य (India Helped Turkey) नहीं रहे हैं. भारत ने हमेशा से तुर्की की मदद की पर उधर से हमेशा भारत को दगा ही मिला है. अभी हाल ही में तुर्की ने अपनी संसद में कश्मीर पर एक कमेटी बनाकर भारत के खिलाफ कदम उठाया था. पर इस नाजुक मौके पर भारत ने तुर्की के साथ हर तरीके से खड़ा होकर साबित किया है देश अपनी जिम्मेदारियों को समझता है.

तुर्की ने दिया धोखा

शीतयुद्ध के दौर में भारत और तुर्की की दूरी काफी बढ़ती चली गई. दूसरी ओर तुर्की और पाकिस्तान दोस्त बनते चले गए. 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में तुर्की ने पाकिस्तान की काफ़ी सहायता की. 1974 में तुर्की ने साइप्रस पर हमला कर दिया तो भारत से दूरियां बढ़ गईं. इसके साथ ही कश्मीर को लेकर भी तुर्की हमेशा से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के साथ देता रहा है.

कोल्ड वॉर के समय तुर्की को सैन्य मदद की पेशकश

भारत और तुर्की का संबंध सालों पुराना है. तुर्की पर जब जब संकट आया, भारत हमेशा मदद के लिए तैयार रहा. भारत ने कई अवसरों पर तुर्की को वित्तीय और तकनीकी सहायता (India Helped Turkey) प्रदान की है. वास्तव में 1970 के दशक से ही भारत कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तुर्की को ऋण, अनुदान और तकनीकी सहयोग करता आया है.

भूकंप से तबाह तुर्की को भारत ने पहुंचाई मदद, NDRF की टीम और राहत सामाग्री भेजी

शीत युद्ध के जमाने से लेकर कोविड काल तक भारत ने कई बार तुर्की को आर्थिक से लेकर हर तरह की मदद की है. नब्बे के दशक में जब तुर्की और कुर्दों के बीच घमासान जारी था, उस वक्त भी भारत ने तुर्की को मदद की पेशकश की थी. भारत ने तब तुर्की को सैन्य मदद की थी.

विश्व व्यापार संगठन में भी भारत ने मदद की : India Helped Turkey

भारत ने तुर्की में कुर्द अलगाववादी समूह पीकेके (PKK) के खिलाफ लड़ाई में तुर्की की मदद भी पेशकश की थी. वहीं यूरोपीय संघ में तुर्की के शामिल होने के लिए राजनीतिक समर्थन दिया था. भारत ग्लोबल ट्रेड ब्लॉक और विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के लिए तुर्की के प्रयासों का भी मुखर समर्थक रहा है. भारत ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर भी अपनी भूमिका साफ की है और तुर्की सुरक्षा बलों के लिए खुफिया जानकारी साझा की और प्रशिक्षण प्रदान किया है. इसके अलावा भारत सीरियाई संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के तुर्की के प्रयासों में भी उसके साथ खड़ा है