Loksabha Election: कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी लोकसभा का लड़ेंगी चुनाव, बोलीं- मैं जहां हूं पिता की बातों की वजह से 

विद्या रानी तमिलनाडु के कृष्णागिरी से आजमाएंगी राजनीति में अपना भाग्य

 

कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी विद्या रानी तमिलनाडु में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसमा चुनाव में अपना भाग्य आजमाएंगी। वह नाम तमिझार काची एनटीसी की तमिल राष्ट्रवादी पार्टी के टिकट पर कृष्णागिरी लोकसभा सीट से जुलाई 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुाई थीं। यहां उन्हें तमिलनाडु बीजेपी युवा शाखा के उपाध्यक्ष का पद मिला था, लेकिन हाल ही में अभिनेता-निर्देशक सीमान के नेतृत्व वाले एनटीके में शामिल होने के लिए उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थीं।


 

बच्चों का स्कूल चलाती हैं विद्या
पेशे से वकील विद्या रानी, कृष्णागिरि में बच्चों का एक स्कूल चलाती है और बेंगलुरु से उनका गहरा नाता है क्योंकि उन्होंने शहर में पांच साल का लॉ कोर्स किया था। यहां उनके कई दोस्त भी है। हालाकि वह अपने पिता वीरप्पन से केवल एक बार मिली है। विद्या रानी कहती है कि पिता वीरप्पन ने ही उनके जीवन को नई दिशा दी। वह कहती है कि जब वह तीसरी कक्षा में थीं तब तमिलनाडु-कर्नाटक सीमा पर गोपीनाथम में अपने दादा के घर पर अपने पिता से पहली और आखिरी बार मिली थीं। 


विद्या रानी कहती हैं कि मैंने पिता से मुलाकात में करीब 30 मिनट तक उनसे बात की और वह बातचीत अब भी मेरे दिमाग में ताजा है। उन्होंने मुझे पकड़कर डॉक्टरी की पढ़ाई करने और लोगों की सेवा करने के लिए कहा था। उन्होंने मुझे मेहनत करके नाम कमाने के लिए कहा था। आज मैं अपनी जिदगी में जहां हूं वहां तक पहुंचाने में उनकी उन्हीं बातों ने अहम भूमिका निभाई है।

विद्या रानी शुरू से ही अपने पिता डाकू वीरप्पन को अपना आदर्श मानती रही हैं। वे कहती हैं कि उनके पिता हमेशा गरीबों के बारे में सोचते थे। लेकिन, उनका रास्ता गलत था। विद्या रानी अपने पिता से केवल एक बार ही मिली हैं। जब वह कक्षा तीसरी में पढ़ती थीं। विद्या ने अपना बचपन अपने नाना के यहां गुजारा। बता दें कि चंदन तस्कर और कुख्यात डाकू वीरप्पन 2004 में तमिलनाडु पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था।