Loan For Self Employment: पहले काम सीखिए तभी स्वरोजगार के लिए लोन देगी सरकार, जानिए क्या है नियम 

 ऋण देने से पहले स्किल ट्रेनिंग अनिवार्य करने पर विचार कर रही सरकार 

 

अब काम नहीं सीखने वालों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का ऋण नहीं मिलेगा। सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना की तर्ज पर विभिन्न वित्त समावेशी योजनाओं के तहत ऋण देने से पहले कौशल प्रशिक्षण (स्किल ट्रेनिंग) अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। प्रशिक्षण अनिवार्य करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार सिर्फ पैसा न बांटे बल्कि, कुशल श्रमिक भी तैयार करे। सरकार व्यक्ति को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने के लिए स्किल ट्रेनिंग को एक जरूरी कदम मानती है।

नए प्रावधान तहत व्यक्ति की डिजिटल पहचान का इस्तेमाल करते हुए गांव, जिला और राज्य के स्तर पर लाभार्थियों के लिए तीन चरणों वाली योजना लागू की जा सकती है। इसमें चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण शामिल होंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना में भी लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें ऋण दिया जाता है। सामाजिक योजनाओं के तहत दी गई वित्तीय सहायता का उत्पादक उपयोग करने के लिए कौशल विकास को पूंजीगत समर्थन देकर विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

 

हालांकि, यह वर्तमान में सभी योजनाओं के लिए नहीं किया जा रहा है। वित्तीय सहायता केवल टारगेटेड सेगमेंट से व्यावसायिक प्रस्तावों के मूल्यांकन पर ही दी जाती है। पीएम विश्वकर्मा योजना की ही तरह मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया और पीएम स्वनिधि जैसी सरकारी योजनाएं चल रही हैं। मुद्रा योजना कृषि से संबद्ध गतिविधियों सहित विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय पैदा करने वाले छोटे व्यवसाय उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। स्टैंड अप इंडिया ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिलाओं को बैंकों से ऋण की सुविधा प्रदान करता है