Indian Railways: छत्तीसगढ़ के रेल नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार, 5,755 किमी सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर: अश्विनी वैष्णव
रेल, सूचना और प्रसारण एवं इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने सदन में दी जानकारी
नई दिल्ली। रेल, सूचना और प्रसारण एवं इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोक सभा में अतारांकित प्रश्न संख्या 1738 का उत्तर देते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य में रेल अवसंरचना को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। सांसद विजय बघेल द्वारा पूंछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य में स्वीकृत परियोजनाओं, उनकी प्रगति और वर्तमान स्थिति का विस्तृत विवरण सदन के समक्ष प्रस्तुत किया।
रेल मंत्री ने बताया कि राज्य में रेल अवसंरचना परियोजनाओं और संरक्षा कार्यों के लिए बजट आबंटन में एक ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। जहां 2009-2014 के दौरान औसत वार्षिक परिव्यय मात्र 311 करोड़ प्रति वर्ष था, वहीं वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए यह बढ़कर 6,925 करोड़ हो गया है, जो 22 गुना से अधिक की वृद्धि है। यह भारी आवंटन छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी, आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं को तेज गति देने के लिए समर्पित है।
इन प्रगतिरत परियोजनाओं में राज्य की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण नई लाइनें और क्षमता विस्तार कार्य शामिल हैं - खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा नई लाइन (278 किमी): ?7,854 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना राज्य के पूर्वी और मध्य भागों को नई कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
रावघाट-जगदलपुर नई लाइन (140 किमी): 3,513 करोड़ की लागत से नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में रेल संपर्क स्थापित करने की दिशा में यह एक गेम-चेंजर परियोजना है। गेवरा रोड-पेंड्रा रोड नई लाइन (157 किमी): 3,923 करोड़ की लागत से बनने वाली यह लाइन कोयला और खनिज परिवहन को सुगम बनाएगी।
खरसिया-परमालकसा 5वीं और 6वीं लाइन (278 किमी): 7,854 करोड़ की लागत से यह परियोजना माल ढुलाई की क्षमता को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाएगी और संकुलन को कम करेगी। बोरीडांड-अम्बिकापुर दोहरीकरण (80 किमी) और बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन (206 किमी) जैसी परियोजनाएं भी तेज गति से प्रगति पर हैं।
मंत्री श्री वैष्णव ने सदन को यह भी सूचित किया कि छत्तीसगढ़ में भविष्य के रेल नेटवर्क के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया गया है। पिछले तीन वर्षों (2022-23 से 2024-25) और चालू वित्त वर्ष (2025-26) के दौरान, राज्य में पूर्णत:/अंशत: पड़ने वाले कुल 5,755 किलोमीटर लंबाई को कवर करने वाले 61 सर्वेक्षण कार्य (26 नई लाइन और 35 दोहरीकरण) शुरू किए गए हैं, जो राज्य में रेल नेटवर्क के सघन विस्तार की योजना को दर्शाता है।
रेल परियोजनाओं की स्वीकृति, प्रस्तावित मार्ग के यातायात अनुमान, लाभप्रदता, सामाजिक-आर्थिक महत्व, प्रथम और अंतिम छोर संपर्कता तथा संकुलित लाइनों के विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों के गहन विश्लेषण के आधार पर की जाती है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के त्वरित विकास के लिए इन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ा रही है।