Rewa Gets Wet: झमाझम बारिश से तरबतर हुआ Rewa जिला, सबसे ज्यादा गुढ़ तो सबसे कम त्योंथर में बरसे बदरा

शहर में जलभराव से बढ़ी समस्याएं, गांवों में भी लोगों को हो रही दिक्कत, जलप्रपात हुए गुलजार, एमपी सहित यूपी से भी पहुंच रहे पर्यटक

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लंबे इंतजार के बाद जिले में हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे मे राहत की मुस्कान बिखेर दी। धान के किसान बारिश को इंद्रदेव का वरदान बता रहे हैं। वहीं भीषण गर्मी से भी आम लोगों को राहत मिली है। हालांकि बारिश ने प्रशासन के वादों व दावों की बखिया उधेड़कर रख दी है। जिला मुख्यालय से लेकर छोटे नगरों व कस्बों तक जल भराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बाजारों के हलचलें कम हुईं हैं। वहीं जिले के जलप्रपातों के अद्भुत नजारों को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से जलप्रपात पूरी भव्यता लिए हुए पर्यटकों का मन मोह रहे हैं। 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश से रीवा जिले में कैसे हालात हैं, इसे समझने के लिए दैनिक गुड मार्निंग टीम ने जमीनीं हकीकत टटोली हैें-

शहर में खुल गई विकास की पोल
रीवा- संभागीय मुख्यालय की रीवा की बात करें तो भीषण गर्मी झेल रहे शहरी लोगों ने बारिश का खुले दिल से स्वागत किया। वातावरण में ठंडक घुल गई। लेकिन पहले दिन की ही बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी। जल भराव की समस्या ने लोगों को हलाकान कर दिया कहीं घरों में पानी घुसा तो कहीं पूरी गली जल भराव से प्रभावित नजर आई। बेतरतीब विकास ने नेहरू नगर में जमकर फजीहत की। नेहरू नगर, इंद्रा नगर, निपनिया, अमहिया, बिछिया, घोघर सहित कई मोहल्लों से समस्याएं सामने आईं। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने तात्कालिक राहत का अभियान चलाया लेकिन वह नाकाफी रहा। 
लगातार हो रही बारिश से मार्केट प्रभावित रहे। वहीं आम लोग जरूरी कामों से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। जबकि कामकाजी व व्यवसायी लोग रेनकोट व छाते का सहारा ले रहे हैं।  शहर की कई सड़को में पानी भरा हुआ है। शहर के बीचों बीच से बहने वाली बिछिया-बीहर नदी का जलस्तर बढ़ गया हैै। लेकिन फिलहाल यह खतरे के निशान से काफी नीचे है। 

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किसानों के लिए बरसा अमृत
त्योंथर- पत्रकार शास्त्री प्रसाद मिश्र के अनुसार यह बारिश किसानों के लिए अमृत के समान है। क्षेत्र में अधिकतर किसान रोपा में माध्यम से धान की खेती करते हैं। ऐसे में पूर मौसम में बारिश न होने की वजह अकाल का संकट मंडराने लगा था। जिसके बाद बारिश ने फसलों को फिर से जिंदा कर दिया। हालांकि फसलों को अभी और ज्यादा पानी की दरकार है। उन्होंने कहा कि बारिश के साथ साथ पहाड़ के ऊपरी क्षेत्र से आने वाले पानी के कारण क्षेत्र में बहने वाली दोनों नदियां बेलन व टमस का जलस्तर बढ़ गया है। लेकिन फिलहाल बाढ़ जैसे हालात नहीं है। कुछ घरों में बारिश का पानी भरने की खबरें आ रहीं हैं। 

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तेजी से बढ़ा टमस का वाटर लेवल
चाकघाट - मप्र उप्र के बार्डर में स्थित जिले के महत्वपूर्ण नगर चाकघाट के हालातों की जानकारी देते हुए पत्रकार ईशू केसरवानी ने बताया कि बकिया बराज के बांध खोलने से टमस नदी का वाटर लेवल तेजी से बढ़ा है। नदी में मौजूद पुराना पुल (जो अब उपयोग में नहीं है) पूरी तरह से डुब चुका है। वहीं लगातार हो रही बारिश से प्रशासन की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। ईशू ने बताया कि बरसात में स्वाभाविक रूप से नगर में आम जनजीवन को प्रभावित किया है। कई जगहों से जलभराव की खबरें भी आ रहीं हैं। वहीं आम तौर पर गुलजार रहने वाले चाकघाट बाजार में हलचल न के बराबर देखी जा रही है।

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बकिया बराज के खुले गेट
सेमरिया- पत्रकार सतीश कुमार शर्मा ने बताया लंबे समय से बारिश की दरकार थी इस बारिश ने सभी वर्ग को राहत दी है। क्षेत्र के 90 प्रतिशत किसान धान की खेती करते हैं ऐसे में बारिश से लाभ ही है। बकिया बराज के 14 गेट खोले जाने से टमस नदी का जलस्तर बढ़ा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में मौजूद पुर्वा फाल में पानी बढ़ने से बड़ी संख्या में लोग जलप्रपात का आनंद लेने पहुंच रहे हैं। हर दिन सैकडों लोग आसपास व बाहर से यहां पहुंचते हैं ओर प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं।

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रात भर जाग रहे व्यापारी  
लालगांव- पत्रकार विनोद शर्मा ने बताया कि भीषण गर्मी के बीच सूखे गुजर रहे सावन महीने में बारिश की तो हर हाल में जरूरत थी। लेकिन कस्बे में व्याप्त समस्याओं ने इस बरसात के आने की खुशी भी न मनाने दी। पहली ही बारिश में घटिया नाली निर्माण की वजह से घरों और दुकानों में पानी भरने लगा। कटरा क्योंटी मार्ग में स्थित दर्जनभर दुकानों में पानी भर गया। लोग अपने सामानों की सुरक्षा की चिंता लिए ३ रातों से जागते को मजबूर हैं। रातभर जागकर पानी का स्तर देख रहे हैं। वहीं नए बस स्टैंड से पुराने बस स्टैंड में जलभराव से लोग त्रस्त हैं।

क्योंटी जलप्रपात में पहुंच रहे पर्यटक
पत्रकार विनोद शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में स्थित क्योंटी जलप्रपात में जल बढ़ने से इसकी छटा निराली हो गई है। यही कारण है कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग क्योंटी जलप्रपात का दीदार करने पहुंच रहे हैं। हालांकि उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। दूसरी ओर किसानों के लिए यह पानी वरदान के समान है। लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है। नदी नालों में पानी बढ़ा है लेकिन अभी पुलों से नीचे है। 
 

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जलप्रपातों की निखरी छटाएं
सिरमौर- पत्रकार धमेंद्र पाण्डेय
ने बताया कि बारिश का सिरमौर क्षेत्र में भी अच्छा वातावरण है किसान की खेती को संजीवनी मिली वहीं क्षेत्र में मौजूद चचाई जलप्रपात, टोंस जलप्रपात व घिनौची धाम के नजारे लुभावने हो चुके हैं। जलप्रपातों में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ी है। टोंस जलप्रपात आधिकारक रूप से पर्यटकों के लिए बंद है। किसानों के लिए अभी और ज्यादा मात्रा में पानी की आवश्यकता है। 

अच्छी खेती की आशा 
मनगवां- 
 लगातार हो रही बरसात से क्षेत्र के सूखे पड़े नदी नालों में पानी भर गया है। आम लोगों को गर्मी से राहत मिली है और किसानों को अच्छी खेती की आशा। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से मनगवां नगर के कई स्थानों जल भराव की स्थिति है। जिससे आम आदमी की परेशानियां बढ़ गईं हैं। वहंी बारिश की वहज से कच्चे मकान गिरने की भी खबर मिली है।

6 गांवों का टूटा संपर्क
मऊगंज- स्थानीय पत्रकार अशोक समदरिया ने बताया कि क्षेत्र में लगातार ४ दिनों से बारिश हो रही है। जिसके वजह से अमोखार ग्राम पंचायत के नरैनी पहाड़ गांव में जल भराव की वजह से मऊगंज से संपर्क टूट गया है।  जलभराव से आधा दर्जन गांव प्रभावित बताए जा रहे हैं। वहीं मऊगंज नगर में निमार्णाधीन लिंक रोड बारिश के दिनों में लोगों के लिए समस्या बन गई है। बताया जा रहा है कि हाल ही में रोड निर्माण के लिए पीली मिट्टी डलवाई गई थी और बारिश होने से मार्ग कीचड़ युक्त हो गया है। हालात यह है कि वाहन छोड़िए पैदल चलना दूभर हो गया है। वहीं फिसलने से कई हादसे भी हो चुके हैं। 

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नगर विकास के फेल हुए दावे
हनुमना- पत्रकार संपत्ति दास गुप्ता
के अनुसार क्षेत्र में लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति कई जगह निर्मित हो गई है। नगर पंचायत क्षेत्र में विकास के तमाम दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार बारिश ने हालात गड़बड़ा दिए हैं। किसानों को थोड़ी खुशी जरूर हुई है लेकिन तात्कालिक दिक्कतें उन्हें परेशान कर रही हैं। मवेशियों को भी बारिश में परेशानी हो रही है। 

जिले में अब तक 434.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज
 जिले में पिछले चार दिनों से अच्छी वर्षा का क्रम जारी है। जिले में 5 अगस्त को 28 मिमी मीटर औसत वर्षा दर्ज की गयी है। सर्वाधिक 100 मिमी वर्षा मनगवां तहसील में  दर्ज की गयी। अभी भी वर्षा क्रम जारी है। जिले के नदी-नालों तथा तालाबों के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। अच्छी वर्षा से धान की रोपाई में तेजी आई है। जिले में एक जून से अब तक कुल 434.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।

सबसे ज्यादा गुढ़ तो सबसे कम त्योंथर में बारिश 

इस संबंध में अधीक्षक भू अभिलेख ने बताया कि इस अवधि में तहसील हुजूर में 495 मिलीमीटर, रायपुर कर्चुलियान में 361.5 मिलीमीटर, गुढ़ में 639 मिलीमीटर, सिरमौर में 370.8 मिलीमीटर, त्योंथर में 160 मिलीमीटर, मऊगंज में 478.6 मिलीमीटर, हनुमना में 352.8 मिलीमीटर, सेमरिया में 385 मिलीमीटर, मनगवां में 658 मिलीमीटर, जवा में 429.2 मिलीमीटर तथा नईगढ़ी तहसील में 445 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष इसी अवधि में जिले में 286.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जिले की औसत वार्षिक वर्षा 1044.6 मिलीमीटर है।