Walker: वॉकर से बच्चों को रखें दूर, ये बनाता है कमजोर, बिगड़ जाती है बच्चों की चाल

125 बच्चों पर स्टडी कर डॉक्टर्स ने निकाला निष्कर्ष

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बच्चे का पहली बार अपने पैरों पर चलने का पल हर माता-पिता के लिए खास होता है। यह पल खास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि बच्चों को खुद उठने व गिरने दें, तभी वे मजबूत बन सकेंगे। बच्चों को चलना सिखाने वाले बेबी वॉकर उनके पैरों में विकृति पैदा कर सकते हैं। यह बात डॉक्टर्स के शोध में सामने आई। ऐसे में जानकार अब लोगों को सलाह दे रहे हैं कि बच्चों चलने में मदद करने वाले वॉकर से दूर रखें। क्यों कि यह वॉकर पैरों के शेप को बिगाड़ सकते हैं साथ बच्चे के चाल में भी असर पड़ सकता है। 

यह रिसर्च लखनऊ की किंग जॉर्ड्स मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से किया गया। जिसके लिए यूनिवर्सिटी की ओर से लगभग सवा सौ बच्चों पर की गई केस स्टडी में पता चला कि वॉकर से चलना सीखने वाले बच्चों के पैरों की हड्डियों व मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे उनकी चाल में समस्याएं हो सकती हैं। 


प्रदेश के एक वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बच्चे की शुरुआती ग्रोथ में चार नियमों का पालन जरूरी है। बच्चा गर्दन को संभ लगे तो खुद बैठना सीखे। बैठना सीख जाए तो उसे घुटने व हाथों के बल रेंगने दें। इसके बाद बच्चे को अंगुली पकड़ा कर चलना सिखाएं।

  
कुछ दशक पहले तक बच्चों का लालन-पालन प्राकृतिक परिवेश में होता था। दादी-नानी की निगरानी में बच्चे सामान्यत: साफ जमीन पर अठखेलियां कर जीवन के विकास क्रम की ओर बढ़ते थे। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक बच्चे को चलना सिखाने के लिए घर में जमीन पर दरी या योग मैट बिछाएं। बच्चे को खुद चलने के लिए प्रेरित करें। आसपास साफ मैदान हो तो वहां यह प्रक्रिया ज्यादा बेहतर है।


वॉकर से चलने वाले बच्चों के पैरों की मांसपेसियों का विकास अपेक्षाकृत सही तरीके से नहीं हो पाया। जिन बच्चों ने वॉकर का ज्यादा इस्तेमाल किया, उनके पैरों की हड्डियां टेढी हो रही हैं। छह से आठ माह के बच्चों को वॉकर देने से बच्चे की चाल बिगड़ सकती है।