Beware of Fairness Cream: गोरेपन की क्रीम कर रहे यूज तो हो जाइए सावधान, ये किडनी की समस्याओं का बन रही हैंं कारण

मर्करी होने से मेम्ब्रेनुस नेफ्रोपैथी बीमारी का खतरा, रिसर्च में सामने आई हैरान कर देने वाली जानकारी 

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गोरी त्वचा के लिए आज का युवा कुछ भी करने को तैयार है। यही कारण है कि तमाम ब्यूटी प्रोडक्ट्स का व्यापार फल फूल रहा है। लेकिन इन सबके बीच एक चिंताजनक खबर सामने आई है दरअसल फेयरनेस क्रीम पर नए शोध में दावा किया गया कि इन क्रीमों के इस्तेमाल से देश में किडनी की समस्याएं बढ़ रही है। दरअसल यह शोध केरल के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने किया।


बता दें कि गोरी त्वचा पाने के इच्छुक लोगों की अच्छी-खासी आबादी के कारण फेयरनेस क्रीमों का बाजार देशभर मे बूम मार रहा है। लेकिन इसके खतरनाक परिणाम सामने आए हैं।   मेडिकल जर्नल किडनी इंटरनेशनल में प्रकाशित शोध के मुताबिक इन क्रीमों में रासायनिक तत्व मर्करी (पारा) भारी मात्रा में होता है, जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है। फेयरनेस क्रीम के बढ़ते इस्तेमाल से मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी (एमएन) के मामले बढ़ रहे है। एमएन ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसके कारण नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है। 


शोध के दौरान एक मरीज में सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस भी पाया गया। इसमें मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम जाता है। यह मस्तिष्क से रक्त बाहर निकलने से रोकता है। इससे रक्त कोशिकाएं टूट सकती है और मस्तिष्क के ऊतकों में रक्त का रिसाव हो सकता है। फिल्टर क्षमता को पहुंचाता है नुकसान: शोधकर्ताओं के मुताबिक क्रीम का मर्करी त्वचा से किडनी तक पहुंचता है, जो किडनी की फिल्टर क्षमता को नुकसान पहुंचाता है। इससे यूरिन से बहुत ज्यादा प्रोटीन उत्सर्जित होने लगता है। 

शोध में जुलाई 2021 और सितंबर 2023 के बीच रिपोर्ट किए गए मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी के 22 मामलों की जांच की गई। केरल के एक अस्पताल में इसके मरीजों में अक्सर थकान, हल्की सूजन और यूरिन में झाग बढ़ने जैसे लक्षण देखे गए।


यूरिन में बढ़ गया प्रोटीन का स्तर
शोधकर्ताओं में शामिल एक विशेषज्ञ का कहना है कि गोरेपन की क्रीम को लेकर तुरंत परिणाम का दावा किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले इससे अनजान रहते हैं कि वे इसके लिए क्या कीमत चुका रहे हैं। शोध के दौरान मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी के सभी मरीजों के यूरिन में प्रोटीन का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया।