Antibiotic: डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं मिलेगा एंटीबायोटिक, ज्यादा उपयोग रोकने सरकार ने लिया फैसला

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने मेडिकल स्टोर व डॉक्टरों को भी दी हिदायत

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अब किसी मेडिकल स्टोर से आप एंटीबायोटिक्स दवाएं आसानी से नहीं ले सकेंगे। इसके लिए आपको डॉक्टर की पर्ची दिखाना आवश्यक होगा। दरअसल देश में बढ़ रहे एंटीबायोटिक्स दवाओं के दुरुपयोग या ज्यादा इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। 

जानकारी है कि सरकार ने डॉक्टरों के लिए इन दवाओं के बारे में सटीक संकेत लिखना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही सभी फार्मासिस्ट (मेडिकल स्टोर) संघों को एंटीबायोटिक्स की काउंटर बिक्री बंद करने और डॉक्टर की पर्ची पर ही इन्हें देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने इस बारे में मेडिकल कॉलेजों, मेडिकल और फार्मासिस्ट एसोसिएशनों को पत्र लिखा है। डॉक्टरों के प्रिसक्रिप्शन में मरीज में दिखे लक्षणों के बारे सटीक जानकारी देने को कहा गया है, जिनके लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं लिखी गई हैं।

कम हो जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
बता दें कि यह कदम सरकार ने सोच समझ कर उठाया है। दरअसल रिसर्च से पता चला है कि ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं से शरीर में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) पैदा होता है। यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। ऐसे में शरीर धीरे धीरे छोटी मोटी बीमारियों से भी नहीं लड़ पाएगा। वहीं डब्ल्यूएचओ ने इसे 10 सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक बताया है। सरकार के इस कदम से एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग पर अंकुश लगेगा। 


एएमआर से खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की माने तो साल 2019 में दुनियाभर में हुई 27.10 करोड़ मौतों के लिए सीधे तौर पर एएमआर जिम्मेदार था, जबकि 49.50 लाख मौतें दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों से जुड़ी थीं। एएमआर आधुनिक चिकित्सा के कई लाभों को खतरे में डालता है।