Mutual Fund: बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंडों को विदेशी ईटीएफ में निवेश करने से रोका

अधिकतम सीमा पर पहुंचा निवेश, ये फंड 1 अप्रैल से नहीं ले पाएंगे नया सब्सक्रिप्शन 

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बाजार नियामक सेबी ने कुछ म्यूचुअल फंडों को फ्रेश सब्सक्रिप्शन लेने से मना किया है। सेबी का यह निर्देश वैसे फंड ऑफ फंड्स के लिए है, जो विदेशी एक्सचेंजों पर लिस्टेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों यानी ईटीएफ में निवेश करते हैं। ये फंड 1 अप्रैल से नया सब्सक्रिप्शन नहीं ले पाएंगे।

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने यह नया निर्देश ऐसे समय जारी किया है, जब संबंधित फंडों में आरबीआई के द्वारा सेट की गई लिमिट पूरी होने वाली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फारेन एक्सचेंज पर लिस्टेड ईटीएफ में ने निवेश करने वाले फंड ऑफ इंडि फंड्स में 1 बिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट की लिमिट तय की है।


इस कारण सेबी ने दिया निर्देश
म्यूचुअल फंडों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, ओवरसीज इंटीएफ के लिार आरबीआई द्वारा तय की गई लिमिट के 95 फीसदी के बराबर निवेश पहले ही आ चुका है। बाजार नियामक ने इसी कारण ऐसे फंड़ों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से फेश सब्सक्रिप्शन लेने से मना कर दिया है ताकि आरबीआई द्वारा सेट की गई लिमिट का उल्लंघन न हो। 

बता दें कि म्यूचुअल फंड्स की चार स्कीमों ने 26 फरवरी को इनवेस्टमेंट लेने पर रोक लगा दी थी। इनमें निप्पान इंडिया यूएस इक्विटी अपरचुनटीज, निप्पान इंडिया जापान इक्विटी, निप्पान इंडिया ताइवान इक्विटी और निपान इंडिया इटीएफ हैंगसेंग बीईईएस शामिल हैं।