Fixed Deposit Return: एफडी पर चाहिए अधिक रिटर्न तो इन बातों का रखें ख्याल
हाल ही में एफडी दरों की उछाल ने निवेशकों को दिया पुनर्विचार का मौका
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी निवेश के लिए एक सबसे सुरक्षित विकल्प है। हाल ही में एफडी दरों की उछाल ने निवेशकों को अपनी निश्चित आय निवेश रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है कि क्या उन्हें अपना पैसा पार्क करना चाहिए या हायर रेट पर निकालना चाहिए और लंबी अवधि वाले निवेश विकल्प में जमा करना चाहिए। एफडी ब्याज दर में बढ़ोतरी पर निवेशकों के मन में ऐसे कई सवाल उठते हैं। कुछ बैंकों ने पहले ही एफडी रेट बढा दिए है और आने वाले दिनों कुछ बैंकों की तरफ से ऐलान कर सकते हैं।
इसके अलावा एफडी में कई विकल्प हैं और निवेशकों को अपने लाभ के लिए उनका इस्तेमाल करने आना चाहिए। मिसाल के तौर एक है स्पेशल एफडी इसमें निवेश पर अधिक रिटर्न मिलते हैं। सही कदम उठाकर एफडी पर अधिक रिटर्न और हासिल किया जा सकता है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे ऐसे ही कुछ तरीके जो निराश में आपके बेहद काम आएंगे।
फंड की जरूरत समझें
किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशिल टार्गेट पर विचार कर लेना चाहिए। अपनी सेविंग इस्तेमाल करने से पहले घर खरीदने, बच्चों की फीस रिटायरमेंट प्लानिंग जैसे शार्ट- टर्म और लॉन्ग टर्म वाले फाइनेंशियल टॉर्मेट के बारे में विचार कर है। एक बार डामेंट तय हो जाने और अपनी जोखिम लेने की क्षमता समझ लेने पर किसी निवेश विकल्प पर आगे बढ़ सकते हैं।
ये समझदारी बरतें
विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के एफडी ब्याज दर पर कड़ी नजर रखें। किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान के एफडी ब्याज दर में बढ़ोतरी होने पर निवेश करने से पहले उपलब्ध विकल्पों के बीच तुलना करें और एफडी पर सबसे अधिक ब्याज देने वाले विश्वसनीय बैंक को निवेश के लिए चुने। एफडी में निवेश करने से पहले चुने गए स्कीम पर लॉक-इन पीरियड देख लें। लॉक-इन पीरियड डिटेल एकही निवेश विकल्प के टेन्योर से जुड़ा होता है। अगर ब्याज दरें और बढ़ने की उम्मीद है तो ऐसे में काम समय में मेच्योर होने वाला एफडी विकल्प चुनना ही अच्छा होता है।