Fixed Diposit: एफडी में है निवेश तो टैक्स कटौती से बचने को अप्रैल में ही करें यह काम

FD को लेकर टीडीएस कटौती के बारे में सजग नहीं हैं तो होगा नुकसान 

 | 
fd

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश का सुरक्षित और लोकप्रिय विकल्प है। बहुत से लोग एफडी को लेकर टीडीएस कटौती के बारे में सजग नहीं होते हैं, जिससे उन्हें जो रिटर्न मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है। वित्त वर्ष 2024- 25 की शुरुआत हो गई है। वैसे लोग जो एफडी में पैसा लगाने जा रहे हैं। या जिनकी एफडी मेच्योर नहीं हुई है, उन्हें अप्रैल में टर्म डिपॉजिट पर टीडीएस कटौती से बचने के लिए बैंक के पास फॉर्म 15जी 15 एच भरकर जमा करना होता है।

कब लगता है टीडीएस
अगर आपको एफडी पर ब्याज के रूप में एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपए से ज्यादा आय हो रही है (सीनियर सिटीजन के मामले में यह 50,000 रुपए है) तो बैंक टीडीएस काटने को बाध्य हैं। अकाउंट के साथ पैन नंबर देने पर बैंक एफडी पर देय ब्याज का 10त्न टीडीएस के रूप में काटते हैं। जबकि पैन नंबर नहीं देने पर 20त्न के हिसाब से टीडीएस कटता है। इस राशि को आइटीआर रिफंड क्लेम करने के बाद ही हासिल कर सकते हैं।
 

क्या हो निवेश की रणनीति
 एक ही बैंक के अलग-अलग बांच में एफडी करते हैं और सभी एफडी पर मिलने वाले ब्याज की राशि सालाना 40,000 रुपए से ज्यादा है तो बैंकों को टीडीएस काटने की इजाजत है। इसलिए कोशिश करें कि अलग-अलग बैंकों में एफडी कराएं और किसी एक बैंक में एफडी मिलने वाला सालाना ब्याज 40,000 रुपए से कम हो।

 
क्या करें निवेशक
अप्रैल में ही 15जी या 15 एच फॉर्म बैंक के पास भरकर जमा करा दें, क्योंकि बैंक आमतौर पर हर तिमाही टीडीएस काटते हैं। अगर एफडी एक ही वित्त वर्ष के अंदर यानी 31 मार्च तक मैच्योर नहीं हो रहा हो तो उसके ठीक अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में ही 15जी या 15एच फॉर्म बैंक के पास जमा करा दें। अगर कुल आय पर टैक्स देनदारी बनती है तो ये फॉर्म नहीं भरें। फॉर्म 15जी या 15एच में गलत डिक्लेरेशन देने पर आयकर कानून के सेक्शन 277 के तहत जुर्माना लग सकता है। इसमें सजा का भी प्रावधान है।

 
15 जी फॉर्म 
अगर उम्र 60 साल से कम है तो टीडीएस से बचने के लिए बैंक के पास फॉर्म 15जी फॉर्म जमा करना होगा। 60 या इससे ऊपर के हैं तो 15एच फॉर्म जमा कराएं। इसे जमा करते समय सुनिश्चित करें कि सभी एग्जेंप्शन-डिडक्शन के बाद टोटल इनकम पर टैक्स देनदारी शून्य हो