Shahdol News: शहडोल के कोटमा गांव में बनेगा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, 12 हेक्टेयर भूमि चिंहित

प्रशासन ने आयुष विभाग को भेजी रिपोर्ट, क्षेत्र में बढ़ेंगी गतिविधियां

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शहडोल। शहडोल में आयुर्वेद मेडिकल कालेज खोलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद जिला प्रशसान ने कालेज निर्माण के लिए संभागीय मुख्यालय से लगे कोटमा गांव में 12 हेक्टेयर भूमि चिंहित की है। जिसकी रिपोर्ट आयुष विभाग ने शासन को भेजी है। आयुर्वेद मेडिकल कालेज की घोषणा के बाद से क्षेत्र में विकास कार्य तेज हुए हैं।

 

 


इस क्षेत्र में बढ़ेंगी व्यावसायिक गतिवधियां 
 निजी क्षेत्र के लोग चिंहित भूमि के आसपास व्यावसायिक काम्पलेक्स बनाने की तैयारी में, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेगे।इसी क्षेत्र में शासकीय मेडिकल कालेज भी संचालित हो रहा है और नया बसस्टैंड ले जाने की तैयारी है।बस स्टैंड के लिए भी जमीम चिंहित है और राशि भी स्वीकृति हो चुकी है।अब कभी भी निर्माण की प्रक्रिया शुुरु हो जाएगी।यानी कोटमा,कुदरी गांव की ओर तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जब कभी शहडोल नगर पालिका को अपडेट करते हुए नगर निगम बनाया गया तो यह क्षेत्र शहर में शामिल हो जाएगा। 

 

 


संभाग का होगा पहला 
संभाग का पहला आयुर्वेद मेडिकल कालेज खुलने से विद्यार्थियों को अब अपने नजदीक में ही आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय मिल जाएगा।इसके बाद यहां आयुष के डाक्टर तैयार होंगे तो आयुर्वेद चिकित्सा को भी विस्तार मिलेगा।मालूम हो कि मध्य प्रदेश में 11 नए आयुर्वेद कालेज के भवनों के निर्माण के लिए भूमि आवंटन का आदेश संचालनालय आयुष आयुक्त जारी किया था,जिसमें शहडोल भी शामिल है। यह नए आयुर्वेद कालेज स्टेट,यूनिवर्सिटी और भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग दिल्ली(एनसीआइएसएम) की एनओसी के बाद 2026 से संचालित किये जायेंगे। वर्तमान में प्रदेश में सात शासकीय तथा 27 निजी आयुर्वेद कालेज संचालित हो रहे है। 


 

 

वर्तमान में केवल 7 कॉलेज संचालित 
वर्तमान में भोपाल, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर व बुरहानपुर समेत प्रदेश में कुल 7 शासकीय आयुर्वेद कालेज संचालित हैं।जहां आयुर्वेद बीएएमएस की लगभग 600 सीटें हैं। इन नए 11 आयुर्वेद कालेज खुलने से लगभग 1100 सीटों का इजाफा होगा। आयुर्वेद महासम्मेलन, आयुष मेडिकल एसोसिएशन, निजी आयुर्वेद महाविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ के साथ विभिन्न आयुष संगठन लंबे समय से शासकीय स्तर पर नये आयुर्वेद कालेज खोलने की मांग कर रहे थे।